The correct option is D
Neither 1 nor 2
न तो 1 और न ही 2
Explanation:
Article 275 and 282 of the Indian Constitution concerning Statutory and Discretionary Grants are important constitutional channels of federal fiscal transfer (transfer from finance from centre to states).
Statement 1 is incorrect: Under Article 275 of the Constitution, Finance Commissions are mandated to recommend the principles as well as the quantum of grants to those States which are in need of assistance and that different sums may be fixed for different States. This is not compulsorily given to all the states and is different from mandatory compulsory devolution (not grants) to every state.
Statement 2 is incorrect: Article 282 of the Constitution empowers the Government ofIndia (and the States) to give such discretionary grants, notwithstanding the existing distribution of financial resources. The Finance Commission is not authorized to deal with these grants. These are conditional grants to the States, usually under the discretionary power for specific purposes like flood relief, plan schemes and the like. Earlier planning commissions used to recommend this discretionary grant on the direction of the Government of India.
व्याख्या:
वैधानिक और विवेकाधीन अनुदान से संबंधित भारतीय संविधान का अनुच्छेद 275 और 282 संघीय राजकोषीय हस्तांतरण (केंद्र से राज्यों में वित्त से स्थानांतरण) के महत्वपूर्ण संवैधानिक माध्यम हैं।
कथन 1 गलत है: संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत वित्त आयोगों को उन राज्यों को अनुदानों की मात्रा के साथ-साथ सिद्धांतों की सिफारिश करने के लिए अधिदिष्ट किया जाता है, जिन राज्यों को सहायता की आवश्यकता होती है और यह रकम विभिन्न राज्यों के लिए अलग-अलग तय की जा सकती है। यह अनिवार्य रूप से सभी राज्यों को नहीं दिया जाता है और यह हर राज्य को अनिवार्य हस्तांतरण (अनुदान नहीं) से अलग है।
कथन 2 गलत है: संविधान का अनुच्छेद 282 वित्तीय संसाधनों के मौजूदा वितरण के होते हुए भी ऐसे विवेकाधीन अनुदान देने के लिए भारत सरकार (और राज्यों) को अधिकार देता है। वित्त आयोग इन अनुदानों से निपटने के लिए अधिकृत नहीं है। ये राज्यों को दिये गए सशर्त अनुदान हैं, जो की आमतौर पर बाढ़ राहत, योजना योजनाओं और इस तरह के विशिष्ट उद्देश्यों के लिए विवेकाधीन शक्ति के तहत। पहले नियोजन आयोग भारत सरकार के निर्देश पर इस विवेकाधीन अनुदान की सिफारिश करते थे।