Q. Consider the following statements regarding Bharatnatyam dance:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. भरतनाट्यम नृत्य के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
Explanation:
Statement 1 is correct: The Abhinaya Darpana by Nandikesvara is one of the main sources of textual material, for the study of the technique and grammar of body movement in Bharatnatyam Dance.
Statement 2 is correct: Bharatnatyam is also characterised by the ‘Ekcharya lasyam’ style in which one dancer plays many different roles.
Statement 3 is incorrect: The first dance item is the alarippu, literally meaning - to adorn with flowers. It is an invocatory piece of performance which includes basic dance postures and is accompanied by rhythmic syllables. It is meant to seek the blessings of God.
Thillana is the concluding stage of the performance and comprises pure dance (Nritta) with exuberant movement and intricate rhythmic variations.
व्याख्या:
कथन 1 सही है: नंदिकेश्वरा द्वारा रचित अभिनय दर्पण, भरतनाट्यम नृत्य में शरीर की गति की तकनीक और व्याकरण के अध्ययन के लिए पाठ्य सामग्री के मुख्य स्रोतों में से एक है।
कथन 2 सही है: भरतनाट्यम को 'एकचार्य लास्यम' शैली के आधार पर भी वर्गीकृत किया जाता है जिसमें एक नर्तक अलग-अलग भूमिका निभाता है।
कथन 3 गलत है: प्रथम नृत्य चरण अलारिपु है, जिसका शाब्दिक अर्थ है - फूलों से विभूषित करना। यह प्रदर्शन का एक अनिवार्य हिस्सा है जिसमें लयबद्ध उच्चारण के साथ मूल नृत्य मुद्राएँ शामिल हैं। यह चरण भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने (स्तुति करने) से संबधित है।
थिल्लना प्रदर्शन का समापन चरण होता है और इसमें प्रचुर गति और जटिल लयबद्ध विविधता के साथ शुद्ध नृत्य (नृत्त) शामिल होता है।