Q. Consider the following statements regarding ‘Bilateral Netting’, which was recently in news:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. हाल ही में चर्चा में रहे 'द्विपक्षीय नेटिंग’ के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
A
1 only
केवल 1
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
B
2 and 3 only
केवल 2 और 3
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
C
1 and 2 only
केवल 1 और 2
Right on! Give the BNAT exam to get a 100% scholarship for BYJUS courses
D
1, 2 and 3
1, 2 और 3
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
Open in App
Solution
The correct option is C
1 and 2 only
केवल 1 और 2 Explanation:
Statement 1 is correct: A bilateral netting agreement enables two counterparties in a financial contract to offset claims against each other to determine a single net payment obligation that is due from one counterparty to the other, meaning that the payables and receivables are netted off.
Statement 2 is correct: It leads to freeing of capital as the regulatory practice of locking in money with each transaction is done away since the calculation will be on the net basis. More funds will be available to the banks as erstwhile locked funds will now be available with them to loan.
Statement 3 is incorrect: Recently,the Bilateral Netting of Qualified Financial Contracts Act, 2020 also known as the ‘Netting Act’, was enacted by the Parliament on 1st October 2020 which can be termed as the first step towards simplifying the financial product and derivative market of India. Hence, the legal basis for Bilateral Netting exists in India.
व्याख्या:
कथन 1 सही है: एक प्रतिपक्ष से दूसरे प्रतिपक्ष पर देय एकल शुद्ध भुगतान दायित्व का निर्धारण करने अर्थात भुगतान और प्राप्य राशि का निर्धारण करने के लिए द्विपक्षीय नेटिंग समझौता एक वित्तीय अनुबंध में दो प्रतिपक्षों को एक दूसरे के खिलाफ दावों की भरपाई करने में सक्षम बनाता है।
कथन 2 सही है: यह पूँजी मुक्त करने में मदद करता है क्योंकि इसमें प्रत्येक लेनदेन के साथ धनराशि को लॉक करने की विनियामक प्रक्रिया शामिल नहीं होती है, क्योंकि गणना शुद्ध आधार पर की जाती है। इस प्रकार, बैंकों को अधिक धनराशि उपलब्ध होगी क्योंकि अब उनके पास पूर्व में लॉक की गई धनराशि भी ऋण हेतु उपलब्ध होगी।
कथन 3 गलत है: हाल ही में, अर्हित वित्तीय संविदा द्विपक्षीय नेटिंग विधेयक, 2020 जिसे 'नेटिंग अधिनियम' के रूप में भी जाना जाता है, को संसद द्वारा 1 अक्टूबर 2020 को अधिनियमित किया गया था। इसे वित्तीय उत्पाद और भारत के व्युत्पन्न बाजार को सुगम बनाने की दिशा में पहला कदम कहा जा सकता है। इसलिए, भारत में द्विपक्षीय नेटिंग का कानूनी आधार मौजूद है।