Q. Consider the following statements regarding Gandhi-Irwin Pact:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. गांधी-इरविन समझौते के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
Explanation: The Gandhi-Irwin Pact was signed by Mahatma Gandhi on behalf of the Indian National Congress (INC) and Lord Irwin (the then Viceroy of India) on behalf of the government, making it the first pact between the INC and the government on equal footing.
Statement 1 is correct: The Gandhi-Irwin talks were initiated by the efforts of Tej Bahadur Sapru and M.R. Jayakar. The fortnight-long talks eventually culminated in the Delhi Pact in March, 1931 also known as the Gandhi-Irwin Pact.
Statement 2 is incorrect: The Gandhi-Irwin Pact was signed in March, 1931 i.e. after the completion of the First Round Table Conference. The INC decided to boycott the First Round Table Conference which was held in London between November 1930 and January 1931 at the Lahore session (December, 1929).
Statement 3 is correct: In the Pact, Mahatma Gandhi agreed to suspend the Civil Disobedience Movement and participate in the Second Round Table Conference. Thus, the movement was suspended as agreed under the Pact.
व्याख्या: गांधी-इरविन समझौते पर महात्मा गांधी ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) की ओर से एवं लॉर्ड इरविन (भारत के तत्कालीन वायसराय) ने सरकार की ओर से हस्ताक्षर किए। इस प्रकार यह INC और सरकार को समान स्तर पर किया गया पहला समझौता था।
कथन 1 सही है: गांधी-इरविन वार्ता तेज बहादुर सप्रू और एम.आर. जयकर के प्रयासों से शुरू हुई थी। लगभग 15 दिनों तक चली यह वार्ता अंततः मार्च, 1931 में दिल्ली समझौते के रूप में समाप्त हुई, जिसे गांधी-इरविन समझौते के रूप में भी जाना जाता है।
कथन 2 गलत है: गांधी-इरविन समझौते पर मार्च, 1931 में अर्थात प्रथम गोलमेज सम्मेलन के पूरा होने के बाद हस्ताक्षर किए गए थे। INC ने नवंबर 1930 और जनवरी 1931 के बीच लंदन में आयोजित पहले गोलमेज सम्मेलन का बहिष्कार करने का निर्णय लिया। यह निर्णय लाहौर सत्र (दिसंबर, 1929) में किया गया था।
कथन 3 सही है: इस समझौते में, महात्मा गांधी सविनय अवज्ञा आंदोलन को स्थगित करने और दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लेने के लिए सहमत हो गए। इस प्रकार, समझौते के तहत सहमति के अनुसार आंदोलन को निलंबित कर दिया गया था।