The correct option is B
1 and 2 only
केवल 1 और 2
Millets are traditional grains, grown and eaten in the indian subcontinent for at least the past 5000 years. They are rain-fed, hardy grains which have low requirements of water and fertility when compared to other popular cereals. Millets can grow in poor soil conditions with less water, fertiliser and pesticides. They can withstand higher temperatures, making them the perfect choice as ‘climate-smart’ cereals. As against the requirement of 5,000 litres of water to grow one kilogram of rice, millets need hardly 250- 300 litres.
Statement 1 is correct:
Millets are mostly grown in the kharif season. But they can be grown in the Rabi season as well. Millets are easy crops to grow & are called the “Lazy man’s crop” because of how less effort is needed to grow them. We can harvest it within 65 days to 3 months.
Statement 2 is correct:
Millets are highly nutritious, rich in fibre and gluten-free, making them easy for the body to absorb.
Statement 3 is incorrect:
Millets are naturally rich in micronutrients such as iron, zinc and calcium, among others. Iron and Zinc are micro, and not macronutrients. Macronutrients are carbohydrates, fat, etc. Millets are considered a solution for malnutrition.
हाल ही में यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत बाजरा मिशन शुरू होने के कारण चर्चा में था । बाजरा कम से कम पिछले 5000 वर्षों से भारतीय उपमहाद्वीप में उगाया और खाया जाने वाला पारंपरिक अनाज है। यह वर्षा आधारित पुष्ट अनाज हैं जिसे अन्य अनाजों की तुलना में काम पानी और उर्वरकता की जरूरत होती है। यह कम पानी, कम उर्वरक और खराब मिट्टी में भी पैदा हो सकता है। यह उच्च तापमान का सामना कर सकता है जो उसे 'जलवायु-स्मार्ट' अनाज का सही विकल्प बनाता है । एक किलोग्राम चावल उगाने के लिए 5,000 लीटर पानी की आवश्यकता होती है जबकि बाजरे को मुश्किल से 250- 300 लीटर की आवश्यकता होती है।
कथन 1 सही है:
बाजरा ज्यादातर खरीफ मौसम में उगाया जाता है लेकिन उसे रबी सीजन में भी उगाया जा सकता है। बाजरा उगाने के लिए आसान फसल है और इसे उगाने के लिए कम प्रयास की आवश्यकता होने के कारण इसे "आलसी आदमी की फसल" भी कहा जाता है। हम इसे 65 दिनों से 3 महीने के भीतर काट सकते हैं।
कथन 2 सही है:
बाजरा अत्यधिक पौष्टिक व फाइबर और लस मुक्त होता है ।
कथन 3 गलत है:
बाजरा प्राकृतिक रूप से लौह, जस्ता और कैल्शियम जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होता है । आयरन और जस्ता सूक्ष्म होते हैं, न कि मैक्रोन्यूट्रिएंट्स। मैक्रोन्यूट्रिएंट्स कार्बोहाइड्रेट, वसा आदि । बाजरा को कुपोषण का हल माना जाता है।