Q. Consider the following statements regarding the Banks Board Bureau (BBB):
Which of the statements given above is/are correct?
Q. बैंक बोर्ड ब्यूरो (Banks Board Bureau-BBB) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन से सही हैं?
Explanation: Banks Board Bureau (BBB) is an autonomous advisory and recommendatory body created by the government to enhance the governance of the Public Sector Banks and state-owned financial institutions. The BBB was created after the recommendations of the Committee to Review Governance of Boards of Banks in India (PJ Nayak Committee, 2014).
Statement 1 is incorrect: The BBB recommends candidates for the appointment of the Board of Directors in PSBs and state-owned FIs (Whole-time Directors and Non-Executive Chairman). It has no power to appoint the directors and other members of the banks but its function is limited to the recommendation of suitable candidates. The final appointment is approved by the central government. It also advises the Government on matters relating to appointments, confirmation or extension of tenure, and termination of services of the Board of Directors of the above-mentioned levels.
Statement 2 is correct: BBB is also responsible for advising the government to evolve suitable business strategies and capital raising plans for the public sector banks.
Statement 3 is incorrect: According to the PJ Nayak Committee recommendation, the BBB was also to be morphed into Bank Investment Company (BIC), which was envisaged as the holding company for PSBs. With the banking space seeing fast-paced changes vis-a-vis business models and technology, BIC would help in quick decisions without the fear of the 3Cs — Central Vigilance Commission, Comptroller and Auditor General, and Central Bureau of Investigation. The government has not yet accepted this recommendation.
Extra information:
Some other function of BBB
व्याख्या: बैंक बोर्ड ब्यूरो सरकार द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और राज्य के स्वामित्व वाले वित्तीय संस्थानों के संचालन को सुगम बनाने के लिए स्थापित एक स्वायत्त सलाहकारी संस्था है। इसका गठन भारत में बैंकों के बोर्डों की प्रशासन की समीक्षा करने के लिए गठित समिति की सिफारिश (पी.जे. नायक समिति, 2014) के आधार पर हुआ था।
कथन 1 गलत है: BBB सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों (पूर्णकालिक निदेशक और गैर- कार्यकारी अध्यक्ष) में निदेशक मंडल की नियुक्ति के लिए उम्मीदवारों की सिफारिश करता है। इसके पास बैंकों के निदेशकों और अन्य सदस्यों को नियुक्त करने की कोई शक्ति नहीं है, इसका कार्य उपयुक्त उम्मीदवारों की सिफारिश तक सीमित है। नियुक्ति से संबंधित अंतिम निर्णय केंद्र सरकार लेती है। यह सरकार को उपर्युक्त स्तरों के निदेशक मंडल की सेवाओं की नियुक्तियों, पुष्टि या कार्यकाल के विस्तार और समाप्ति से संबंधित मामलों पर भी सलाह देता है।
कथन 2 सही है: BBB का कार्य सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए उपयुक्त व्यावसायिक रणनीतियाँ और पूँजी जुटाने की योजनाएँ बनाने हेतु सलाह देना भी है।
कथन 3 गलत है: पी.जे. नायक समिति की सिफारिश के अनुसार BBB को बैंक इन्वेस्टमेंट कंपनी (Bank Investment Company-BIC) में भी शामिल किया जाना था, जिसकी परिकल्पना सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की नियंत्रक कंपनी के रूप में की गई थी। बैंकिंग क्षेत्र के व्यापार मॉडल और प्रौद्योगिकी में तेजी से बदलाव को देखते हुए BIC, 3 C-- केंद्रीय सतर्कता आयोग, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक और केंद्रीय जाँच ब्यूरो के डर के बिना त्वरित निर्णय लेने में सहायता करेगा। सरकार ने अभी तक इस सिफारिश को स्वीकार नहीं किया है।
अतिरिक्त जानकारी:
BBB के कुछ अन्य कार्य: