Q. Consider the following statements regarding the Carbon Disclosure Project:
1. It is an initiative of the United Nations Environment Programme.
2. The annual report under the project surveys corporate commitments to science-based targets.
Which of the above given statements is/are correct?
Q. कार्बन प्रकटीकरण परियोजना के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. यह संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की एक पहल है।
2. परियोजना के तहत वार्षिक रिपोर्ट विज्ञान आधारित लक्ष्यों के लिए कॉर्पोरेट प्रतिबद्धताओं का सर्वेक्षण करती है।
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन सा सही है / हैं?
Explanation: The Carbon Disclosure Project (CDP) is a global disclosure system that enables companies, cities, states and regions to measure and manage their environmental impacts. It collects and collates self-reported environmental data in the world .It is aimed at measuring the carbon reduction activities undertaken by different companies and firms operating in various countries across the globe.
Statement 1 is incorrect: Carbon Disclosure Project, is an initiative of the Global Reporting Initiative and not of United Nations Environment Programme.
Statement 2 is correct: It is aimed at measuring the carbon reduction activities undertaken by different companies and firms operating in various countries across the globe. The report surveys corporate commitments to science-based targets (SBT) and evaluates the climate change risk that they are exposed to.
Additional Information
As per the CDP Report 2019, India was ranked 5th, ahead of Germany and Sweden. India is the first developing economy with maximum number of companies committing to science-based targets. Among the key focus areas of Indian firms is renewable energy. According to the report, 23 companies reported renewable energy targets in 2019, a 44% rise over 2018. Of these, Infosys, Dalmia Cement and Tata Motors have reported 100% Renewable Energy consumption.
व्याख्या:
कार्बन प्रकटीकरण परियोजना (CPD) एक वैश्विक प्रकटीकरण प्रणाली है जो कंपनियों, शहरों, राज्यों और क्षेत्रों को उनके पर्यावरणीय प्रभावों को मापने और प्रबंधित करने में सक्षम बनाती है।यह दुनिया में स्व-रिपोर्ट किए गए पर्यावरण डेटा एकत्र करता है और उसकी तुलना करता
है। इसका उद्देश्य दुनिया भर के विभिन्न देशों में कार्यरत विभिन्न फर्मो तथा कंपनियों द्वारा की जाने वाली कार्बन कटौती गतिविधियों को मापना है।
कथन 1 गलत है: कार्बन प्रकटीकरण परियोजना, ग्लोबल रिपोर्टिंग पहल की एक पहल है, संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की नहीं।
कथन 2 सही है: इसका उद्देश्य दुनिया भर के विभिन्न देशों में विभिन्न कंपनियों और फर्मों द्वारा संचालित कार्बन कटौती गतिविधियों को मापना है।रिपोर्ट विज्ञान आधारित लक्ष्यों (SBT) के लिए कॉर्पोरेट प्रतिबद्धताओं का सर्वेक्षण करती है,और जलवायु परिवर्तन के जोखिम का मूल्यांकन करता है जो उजागर होते हैं।
अतिरिक्त जानकारी:
CDP रिपोर्ट 2019 के अनुसार,भारत,जर्मनी और स्वीडन से आगे 5 वें स्थान पर था।
भारत पहली विकासशील अर्थव्यवस्था है, जिसमें अधिकतम संख्या में कंपनियों ने विज्ञान आधारित लक्ष्यों के लिए प्रतिज्ञा कर रखी हैं।भारतीय फर्मों के प्रमुख फोकस क्षेत्रों में नवीकरणीय ऊर्जा का क्षेत्र है।
रिपोर्ट के अनुसार, 23 कंपनियों ने 2019 में अक्षय ऊर्जा लक्ष्यों की सूचना दी, 2018 में 44% की वृद्धि थी ।इनमें से, इन्फोसिस, डालमिया सीमेंट और टाटा मोटर्स ने 100% अक्षय ऊर्जा की खपत की सूचना दी है।