Q. Consider the following statements regarding the cultural elements that emerged during the Swadeshi movement:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. स्वदेशी आंदोलन के दौरान उभरे सांस्कृतिक तत्वों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
Explanation:
During the Swadeshi movement, remarkable progress was made in the cultural sphere of India.
Statement 1 is correct: Rabindranath Tagore expressed the need for a swadeshi or indigenous folk literature that would remind the people of Bengal of their rich oral traditions. This would be a method of contending the cultural imperialism of the British. Thakurmar Jhuli is a collection of folk tales and fairy tales written by Dakshinaranjan Mitra Majumdar in 1907.
Statement 2 is incorrect: During the Swadeshi movement, the paintings of Abanindranath Tagore broke the domination of Victorian Naturalism over Indian art. These paintings were inspired by the Ajanta, Rajput and Mughal paintings.
Statement 3 is correct: Indian Society of Oriental Art was founded in 1907 to revive the ancient art traditions of India. Abanindranath Tagore was the principal artist and creator of it.
व्याख्या:
स्वदेशी आंदोलन के दौरान भारत के सांस्कृतिक क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई।
कथन 1 सही है: रवींद्रनाथ टैगोर ने एक स्वदेशी अथवा देशी लोक साहित्य की आवश्यकता व्यक्त की जो बंगाल के लोगों को उनकी समृद्ध मौखिक परंपराओं की याद दिला सके। इसे अंग्रेजों के सांस्कृतिक साम्राज्यवाद का मुकाबला करने का एक तरीका माना गया। ठाकुरमार झूली 1907 में दक्षिणरंजन मित्र मजूमदार द्वारा लिखित लोक कथाओं और परियों की कहानियों का संग्रह है।
कथन 2 गलत है: स्वदेशी आंदोलन के दौरान, अबनिंद्रनाथ टैगोर के चित्रों ने भारतीय कला पर विक्टोरियन प्रकृतिवाद के वर्चस्व को तोड़ा। ये चित्र अजंता, राजपूत और मुगल पेंटिंग से प्रेरित थे।
कथन 3 सही है: इंडियन सोसाइटी ऑफ ओरिएंटल आर्ट की स्थापना 1907 में भारत की प्राचीन कला परंपराओं को पुनर्जीवित करने के लिए की गई थी। अबनिंद्रनाथ टैगोर इसके प्रमुख कलाकार और निर्माता थे।