Q. Consider the following statements regarding the Indian Council Act of 1892:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. भारत परिषद अधिनियम 1892 के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Explanation:
The early nationalists, after the formation of Congress in 1885, demanded the increased participation of Indians in the government. Therefore, from 1885 to 1892 they demanded the expansion and reforms in legislative councils.
Statement 1 is correct: The Indian Council Act, 1892 increased the number of members both in the Imperial legislative council and provincial councils.
Statement 2 is correct: Some of the non-official members of councils could be elected indirectly.
Statement 3 is correct: The councils were given the right to discuss the budget but they could not vote upon it. The Nationalists were totally dissatisfied with the Act, as they wanted more Indians in the council and an Indian control over the public purse.
व्याख्या:
1885 में कांग्रेस के गठन के बाद शुरुआती राष्ट्रवादियों ने सरकार में भारतीयों की भागीदारी बढ़ाने की मांग की। इसलिए, 1885 से 1892 तक उन्होंने विधान परिषदों में विस्तार और सुधार की मांग की।
कथन 1 सही है: भारत परिषद अधिनियम, 1892 ने शाही विधान परिषद और प्रांतीय परिषदों दोनों में सदस्यों की संख्या में वृद्धि की।
कथन 2 सही है: इन परिषदों के कुछ गैर-सरकारी सदस्यों को अप्रत्यक्ष रूप से चुना जा सकता है।
कथन 3 सही है: इन परिषदों को बजट पर चर्चा करने का अधिकार दिया गया था लेकिन वे इस पर मतदान नहीं कर सकती थीं। राष्ट्रवादी इस अधिनियम से पूरी तरह से असंतुष्ट थे, क्योंकि वे परिषद में अधिक भारतीय चाहते थे और सार्वजनिक वित्त पर भारतीय नियंत्रण चाहते थे।