Q. Consider the following statements:
Which of the statements given above are not correct?
Q. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
ऊपर दिए गए कथनों में कौन से सही नहीं हैं?
Explanation
Statement 1 is incorrect: A lean organizational structure is a structure that uses fewer resources than a traditional organizational structure, but is effective. However, the Mauryan empire maintained a vast bureaucracy. In fact in no other period of ancient history we hear of so many officers as in Mauryan time. Thus, the bureaucracy was not lean. Also, the rigid state control may not have proved effective much beyond the mid-gangetic zone owing to difficulty in communications.
Statement 2 is correct: The punch-marked silver coins, which carry the symbols of the peacock and crescented hill, formed the imperial currency of the Mauryas. They have been discovered in large numbers. Copper coins were also punch-marked. Besides punch-marked silver and copper coins, cast copper coins and die-struck coins were also issued. Without doubt, all these different types of coins helped the collection of taxes and payment of officers in cash. Also, because of its uniformity, the currency must have facilitated market exchange in a wider area.
Statement 3 is incorrect: Ashoka taught people to live and let live. He emphasized compassion towards animals and proper behaviour towards relatives. His teachings were meant to strengthen the institution of family and the existing social classes. He held that if the people behaved well they would go to heaven, but never said that they would attain nirvana, which was the goal of Buddhist teachings. Ashoka’s teachings were thus intended to maintain the existing social order on the basis of tolerance. He does not seem to have preached any sectarian faith.
व्याख्या:
कथन 1 गलत है: एक किफायती संगठनात्मक ढांचा पारंपरिक संगठनात्मक ढांचा की तुलना में कम संसाधनों का उपयोग करता है,परन्तु यह प्रभावशाली होता है।हालांकि, मौर्य साम्राज्य ने एक विशाल नौकरशाही बनाए रखी।वास्तव में प्राचीन इतिहास के किसी अन्य काल में हम इतने सारे अधिकारियों के बारे में नहीं सुनते हैं जितना कि मौर्यकाल में सुनते हैं।इस प्रकार, नौकरशाही किफायती नहीं थी।
कथन 2 सही है: चांदी के आहत सिक्के जिसपर मोर और अर्धचन्द्राकार पहाड़ी के चिन्ह अंकित थे,मौर्यों की शाही मुद्रा में शामिल थी।ये सिक्के बड़ी संख्या प्राप्त हुए हैं।आहत सिक्के तांबे के भी होते थे। चांदी और तांबे के आहत सिक्कों के अलावा, तांबे के ढाले गए सिक्के भी जारी किए गए थे।निःसंदेह इन सभी सिक्कों ने नकदी में कर प्राप्ति और अधिकारियों को किये जाने वाले भुगतान में मदद की।इसके अलावा,मुद्रा की एकरूपता के कारण को इसने व्यापक बाजार विनिमय की सुविधा प्रदान की।
कथन 3 गलत है: अशोक ने लोगों को जियो और जीने दो की शिक्षा दी।उन्होंने जानवरों के प्रति दया और रिश्तेदारों के प्रति उचित व्यवहार पर जोर दिया।उसकी शिक्षाएं परिवार और मौजूदा सामाजिक वर्गों को मजबूत करने के लिए थीं।उसने कहा कि यदि लोग अच्छा व्यवहार करते हैं तो वे स्वर्ग जाएंगे, लेकिन उसने कभी नहीं कहा कि वे निर्वाण प्राप्त करेंगे, जो बौद्ध शिक्षाओं का लक्ष्य था।इस प्रकार अशोक की शिक्षाओं का उद्देश्य सहिष्णुता के आधार पर मौजूदा सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखना था।वह किसी संप्रदाय का प्रचारक प्रतीत नहीं होता है।