Q. Consider the following statements with reference to the Indian Independence Act, 1947:
Which of the above given statements is/are incorrect?
Q. भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम, 1947 के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से गलत है/हैं?
Explanation: Lord Mountbatten proposed a plan in May 1947 according to which provinces were to be declared independent successor states with the power to choose whether to join the constituent assembly or not. On July 18, 1947 the British Parliament ratified the Mountbatten plan as the Indian Independence Act. It was accepted by the Indian National Congress and the Muslim League.
Statement 1 is correct: British India was to be partitioned into two dominions: India and Pakistan. It empowered the constituent assembly of the two dominions to frame and adopt any constitution for their respective nations and to repeal any act of British parliament including the Indian Independence Act itself.
Statement 2 is incorrect: The act terminated the British suzerainty over the princely states. These states were given the choice to either remain independent or accede to either India or Pakistan.
Statement 3 is incorrect: The act deprived the British monarch of its right to veto or ask for the reservation of certain bills for its approval but this right was reserved for the Governor-General. It abolished the office of Viceroy and provided for each dominion of India and Pakistan, a Governor-General, who was to be appointed by the British King on the advice of the Dominion cabinet.
व्याख्या: लॉर्ड माउंटबेटन ने मई 1947 में एक योजना प्रस्तावित की जिसके अनुसार प्रांतों को स्वतंत्र उत्तराधिकारी राज्यों के रूप में घोषित किया जाना था, साथ ही उन्हें संविधान सभा में शामिल होने या न होने के चयन की शक्ति दी गई। 18 जुलाई, 1947 को ब्रिटिश संसद ने माउंटबेटन योजना को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम के रूप में अनुमोदित किया। इसे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और मुस्लिम लीग ने स्वीकार किया।
कथन 1 सही है: ब्रिटिश भारत को दो डोमिनियन में विभाजित किया जाना था: भारत और पाकिस्तान। इसने दोनों डोमिनियन के संविधान सभाओं को संविधान बनाने और उसे अपनाने तथा ब्रिटिश संसद के किसी भी अधिनियम जिसमें भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम भी शामिल था, को निरस्त करने की शक्ति दी।
कथन 2 गलत है: इस अधिनियम ने देशी रियासतों पर ब्रिटिश आधिपत्य को समाप्त कर दिया। इन रियासतों को या तो स्वतंत्र रहने का विकल्प दिया गया था या फिर भारत या पाकिस्तान में शामिल होने का।
कथन 3 गलत है: इस अधिनियम ने ब्रिटिश सम्राट को वीटो के अधिकार या इसकी मंजूरी के लिए कुछ विधेयकों को आरक्षित रखने से वंचित कर दिया, लेकिन गवर्नर-जनरल के इस अधिकार को बनाये रखा गया। इसने वायसराय के पद को समाप्त कर दिया और भारत और पाकिस्तान के प्रत्येक डोमिनियन के लिए एक गवर्नर-जनरल के पद का प्रावधान किया, जिसे डोमिनियन कैबिनेट की सलाह पर ब्रिटिश सम्राट द्वारा नियुक्त किया जाना था।