Q. Consider the following statements with respect to debates in Constituent Assembly of India:
Which of the above statements is/are not correct?
Q. भारत की संविधान सभा में बहस के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही नहीं है/हैं?
Explanation:
In his inaugural speech, Nehru had invoked the “will of the people” and declared that the makers of the Constitution had to fulfill “the passions that lie in the hearts of the masses”. This was no easy task. With the anticipation of Independence, different groups expressed their will in different ways, and made different demands.
Statement 1 is correct: On 27 August 1947, B. Pocker Bahadur from Madras made a powerful plea for continuing separate electorates. Minorities exist in all lands, argued Bahadur; they could not be wished away, they could not be “erased out of existence”. The need was to create a political framework in which minorities could live in harmony with others, and the differences between communities could be minimized. This was possible only if minorities were well represented within the political system, their voices heard, and their views taken into account. Only separate electorates would ensure that Muslims had a meaningful voice in the governance of the country.
Statement 2 is correct: While welcoming the Objectives Resolution, N.G. Ranga, a socialist who had been a leader of the peasant movement, urged that the term minorities be interpreted in economic terms. The real minorities for Ranga were the poor and the downtrodden. He welcomed the legal rights the Constitution was granting to each individual but pointed to its limits. In his opinion it was meaningless for the poor people in the villages to know that they now had the fundamental right to live, and to have full employment, or that they could have their meetings, their conferences, their associations and various other civil liberties. It was essential to create conditions where these constitutionally enshrined rights could be effectively enjoyed. For this they needed protection. “They need props. They need a ladder,” said Ranga.
व्याख्या:
अपने उद्घाटन भाषण में, नेहरू ने "जनता की इच्छा" का हवाला दिया और घोषणा की थी कि संविधान के निर्माताओं को "जनता के हृदय में निहित उत्साह" को पूरा करना होगा। यह कोई आसान काम नहीं था। स्वतंत्रता की संभावना के साथ, विभिन्न समूहों ने अलग-अलग तरीकों से अपनी इच्छा व्यक्त की और अलग-अलग मांगें की।
कथन 1 सही है: 27 अगस्त 1947 को, मद्रास के बी. पोकर बहादुर ने पृथक निर्वाचक मंडल को बनाए रखने के लिए एक दलील प्रस्तुत की। बहादुर ने तर्क दिया कि पुरे देश में अल्पसंख्यक मौजूद हैं; उन्हें हटाया नहीं जा सकता या उनके "अस्तित्व को मिटाया नहीं" जा सकता। आवश्यकता एक ऐसा राजनीतिक ढांचा तैयार करने की है जिसमें अल्पसंख्यक दूसरों के साथ सद्भाव से रह सकें और समुदायों के बीच मतभेदों को कम किया जा सके। यह तभी संभव होगा जब राजनीतिक व्यवस्था में अल्पसंख्यकों का बेहतर प्रतिनिधित्व हो, उनकी आवाज सुनी जाए और उनके विचारों को ध्यान में रखा जाए। केवल पृथक निर्वाचक मंडल यह सुनिश्चित करेगा, कि देश के शासन में मुसलमानों की एक सार्थक भागीदारी हो।
कथन 2 सही है: उद्देश्य प्रस्ताव का स्वागत करते हुए किसान आंदोलन के नेता रह चुके एक समाजवादी व्यक्ति एन.जी. रंगा ने आग्रह किया कि अल्पसंख्यक शब्द की व्याख्या आर्थिक संदर्भ में की जाए। रंगा के लिए असली अल्पसंख्यक गरीब और दलित थे। उन्होंने संविधान द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को दिए गए कानूनी अधिकारों का स्वागत किया लेकिन इसकी सीमाओं पर भी विचार किया। उनकी राय में गांवों के गरीब लोगों के लिए यह जानना अर्थहीन था कि अब उनके पास जीने का, और पूर्ण रोजगार पाने का मौलिक अधिकार था, या कि उन्हें सभा, सम्मेलन करने, संघ बनाने और विभिन्न अन्य नागरिक स्वतंत्रताएं प्राप्त हो सकती थीं। ऐसी परिस्थितियां निर्मित करना आवश्यक था, जहाँ इन संवैधानिक रूप से निहित अधिकारों का प्रभावी ढंग से लाभ उठाया जा सके। इसके लिए उन्हें सुरक्षा की जरूरत थी। रंगा ने कहा कि "उन्हें सहारा चाहिए, उन्हें सीढ़ी की जरूरत है।