Q. In the context of Ancient Indian literature, consider the following pairs.
Sl.no | Text | Language |
1. | Ashtadhyayi | Tamil |
2. | Gathasaptasati | Prakrit |
3. | Amuktamalyada | Telugu |
4. | Vinaya Pitaka | Sanskrit |
5. | Vikramorvasiyam | Pali |
क्रम संख्या | मूल ग्रंथ | भाषा |
1. | अष्टाध्यायी | तामिल |
2. | गाथासप्तसती | प्राकृत |
3. | अमुक्तमाल्यद | तेलुगू |
4. | विनय पिटक | संस्कृत |
5. | विक्रमोर्वसियम | पाली |
Explanation:
The literary tradition in India developed way back during the Vedic period, but the earlier literary work was mainly in oral form, which began to crystallize in the early 1st century BCE. Indian literature is a mosaic of works encompassing various religious works, chronicles of various kings, works in ancient philosophy etc. These literary works evolved with the development of various religions in ancient India during the reigns of various kings who patronized the works of literature in their kingdoms.
Pair 1 is incorrectly matched: Ashtadhyayi is a Sanskrit treatise on grammar, written by Panini.
Pair 2 is correctly matched: Gathasaptasati is a Prakrit text written by Hala, a Satavahana king who ruled in the present-day Deccan region.
Pair 3 is correctly matched: Amuktamalyada is an epic Telugu poem composed by Krishnadevaraya of the Vijayanagar Dynasty.
Pair 4 is incorrectly matched: Vinaya Pitaka is one of the tri-pitakas of Buddhism. It was written in the Pali language.
Pair 5 is incorrectly matched: Vikramorvasiyam is one of the three famous dramas of Kalidasa, written in the Sanskrit language. The other two are Abhijnanasakuntalam and Malavikagnimitram.
व्याख्या:
भारत में साहित्यिक परंपरा वैदिक काल के दौरान विकसित हुई थी, लेकिन पूर्व का साहित्यिक कार्य मुख्य रूप से मौखिक रूप में हुआ जो ईसा पूर्व की प्रथम शताब्दी की शुरुआत में शुरू हुआ। भारतीय साहित्य विभिन्न धार्मिक कार्यों, विभिन्न राजाओं के इतिहास, प्राचीन दर्शनशास्त्र आदि का एक संग्रह है। यह साहित्यिक कार्य विभिन्न राजाओं के शासनकाल के दौरान जिन्होंने साहित्यिक कार्यों को संरक्षण दिया उनके राज्य में प्राचीन भारत में विभिन्न धर्मों के विकास के साथ हुआ ।
युग्म 1 सुमेलित नहीं है: अष्टाध्यायी पाणिनि द्वारा लिखित व्याकरण का एक संस्कृत ग्रंथ है।
युग्म 2 सुमेलित है: गाथासप्तसती एक सातवाहन राजा हाल द्वारा लिखित एक प्राकृत ग्रंथ है, जिसका शासन वर्तमान दक्कन क्षेत्र में था।
युग्म 3 सुमेलित है: अमुक्तमाल्यदा विजयनगर राजवंश के कृष्णदेव राय द्वारा रचित एक तेलुगु कविता का महाकाव्य है।
युग्म 4 सुमेलित नहीं है: विनय पिटक बौद्ध धर्म के त्रि-पिटकों में से एक है। यह पाली भाषा में लिखा गया था।
युग्म 5 सुमेलित नहीं है: विक्रमोर्वशीयम् संस्कृत भाषा में रचित कालिदास के तीन प्रसिद्ध नाटकों में से एक है। अन्य दो अभिज्ञान शाकुंतलम और मालविकाग्निमित्रम हैं।