The correct option is A
Bharatnatyam
भरतनाट्यम
Explanation:
Option (a) is correct: Bharatnatyam is the oldest among all classical dance forms in India, Bharatnatyam derives its name from Bharata Muni and ‘Natyam’ which means dance in Tamil. However, other scholars have ascribed the name ‘Bharata’ to ‘Bhava’, ‘Raga’ and ‘Taal’. The origins of this dance form can be traced back to ‘Sadir’ – the solo dance performance of the temple dancers or ‘devadasis’ in Tamil Nadu, hence it was also referred to as ‘Dashiattam’. The elements of a Bharatanatyam recital are:
Alarippu – It is an invocatory piece of performance which includes basic dance postures and is accompanied with rhythmic syllables.
Jatiswaram – It is the Nritta component and is devoid of expressions, it includes the different poses and movements.
Tillana - This is the closing stage of the performance, and consists of pure dances (nritya) with exuberant movements and intricate rhythmic shifts.
Option (b) is incorrect: Kuchipudi is one of the classical styles of Indian dance. In the 17th century, the Kuchipudi style of Yakshagana was conceived. It has its origin in the Natya Shastra.
Option (c) is incorrect: Kathakali, as a dance form popular today, is considered to be of comparatively recent origin. The art has evolved from many social and religious theatrical forms which existed in the southern region in ancient times. Chakiarkoothu, Koodiyattam, Krishnattam and Ramanattam are few of the ritual performing arts of Kerala which have had a direct influence on Kathakali in its form and technique.
Option (d) is incorrect: Mohiniattam or Mohiniyattam is an Indian classical dance form that evolved in the state of Kerala. Mohiniattam follows the Lasya type of dance that showcases a more graceful, gentle and feminine form of dancing. Mohiniattam derives its name from the word ‘Mohini’, a female avatar of Lord Vishnu. It is not a successor of Sadir Natyam.
व्याख्या :
विकल्प (a) सही है: भरतनाट्यम भारत में सभी शास्त्रीय नृत्य रूपों में सबसे पुराना है, भरतनाट्यम का नाम भरत मुनि और नाट्यम ’से लिया गया है जिसका अर्थ है तमिल में नृत्य। हालाँकि, अन्य विद्वानों ने भारत ’का नाम’ भव ’, राग’ और ‘ताल ’ ’रखा है। इस नृत्य रूप की उत्पत्ति का पता 'सदिर' से लगाया जा सकता है - यह तमिलनाडु में मंदिर नर्तक या 'देवदासियों' का एकल नृत्य प्रदर्शन है, इसलिए इसे दासीअट्टम' ' भी कहा जाता है। भरतनाट्यम पाठ के तत्व हैं:
अलारिप्पु - यह प्रदर्शन का एक अनौपचारिक भाग है जिसमें बुनियादी नृत्य मुद्राएं शामिल हैं और लयबद्ध सिलेबल्स के साथ है।
जतिस्वरम - यह नृ्त्य घटक है और भावों से रहित है, इसमें विभिन्न मुद्राएं और गतिविधियाँ शामिल हैं।
तिल्लाना - यह प्रदर्शन का समापन चरण है, और इसमें विपुल संचलन और जटिल लयबद्ध बदलाव के साथ शुद्ध नृत्य (नृ्त्य) शामिल हैं।
विकल्प (b) गलत है: कुचिपुड़ी भारतीय नृत्य की शास्त्रीय शैली में से एक है। 17 वीं शताब्दी में, यक्षगान की कुचिपुड़ी शैली की कल्पना की गई थी। नाट्य शास्त्र में इसकी उत्पत्ति है।
विकल्प (c) गलत है: कथकली, जो आज एक लोकप्रिय नृत्य शैली के रूप में है, को तुलनात्मक रूप से हाल की उत्पत्ति माना जाता है। यह कला कई सामाजिक और धार्मिक नाट्य रूपों से विकसित हुई है जो प्राचीन काल में दक्षिणी क्षेत्र में मौजूद थे। चौकीरकुट्टू, कूदीयाट्टम, कृष्णट्टम, और रामानट्टम केरल की कुछ अनुष्ठानिक कलाएं हैं जिनका कथकली पर सीधा प्रभाव पड़ा है।
विकल्प (d) गलत है: मोहिनीअट्टम या मोहिनीयअट्टम एक भारतीय शास्त्रीय नृत्य रूप है जो केरल राज्य में विकसित हुआ है। मोहिनीअट्टम नृत्य के लासिया प्रकार का अनुसरण करता है जो नृत्य के अधिक सुंदर, सौम्य और स्त्री रूप को दर्शाता है। मोहिनीअट्टम का नाम ’मोहिनी’ शब्द से लिया गया है, जो भगवान विष्णु का एक अवतार है। यह सादिर नाट्यम का उत्तराधिकारी नहीं है।