Q. जोतदारों के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?
व्याख्या :
जोतदार, धनी किसानों के समूह को कहा जाता था। उन्नीसवीं शताब्दी की शुरुआत में, उन्होंने जमीन के बड़े बड़े रकबे अर्जित कर लिए थे। उनकी जमीन के एक बड़े भाग पर बटाईदारों (अधियारों या बरगादारों) के माध्यम से खेती होती थी। ये बरगादार अपना हल लाते थे, खेत में मेहनत करते थे, और उपज का आधा हिस्सा जोतदारो को दे देते थे।
गाँवों में, जोतदारों का प्रभाव, जमींदारों की तुलना में अधिक होता था। शहरी क्षेत्रों में रहने वाले जमींदारों के विपरीत, जोतदार गाँवों में ही रहते थे और इस तरह ग़रीब ग्रामवासियों के बड़े वर्ग पर उनका सीधा प्रभाव होता था। जमींदारों द्वारा गाँव की जमा (लगान) को बढ़ाने के प्रयासों का वे घोर विरोध करते थे; ये ज़मींदारी अधिकारियों को अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोकते थे; रैयतों को अपने पक्ष में एकजुट रखते थे और जमींदार को होने वाले राजस्व के भुगतान में जान-बूझकर देरी कराते थे।
इस प्रकार जोतदार, जमींदारों द्वारा नियुक्त नहीं किए जाते थे। जमींदार, राजस्व संग्रह के लिए अमला नाम के अधिकारियों के नियुक्ति करते थे।