Q. मुगल मनसबदारी प्रणाली के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A
केवल 1
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B
केवल 1 और 3
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C
केवल 3
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D
1, 2 और 3
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Solution
The correct option is C
केवल 3 व्याख्या:
कथन 1 गलत है: मनसबदारी प्रणाली भारत में मुगलों द्वारा विकसित की गई प्रशासन की एक अनूठी प्रणाली थी। इसका प्रारंभ मूलतः खलीफा ‘अब्बा सैय्यद’ द्वारा की गई थी और कुछ समय पश्चात इसे भारत में अपनाया गया था।
कथन 2 गलत है: मनसबदारों को नागरिक और सैन्य प्रशासन दोनों के लिए नियुक्त किया जाता था। मनसबदारों के दो पदनाम थे: ‘ज़ात’ शाही पदानुक्रम में अधिकारी (मनसबदार) के पद और वेतन का सूचक था और ‘सवार’ यह सूचित करता था कि उससे सेवा में कितने घुड़सवार रखना अपेक्षित थे।
कथन 3 सही है: सत्रहवीं शताब्दी में 1,000 या उससे ऊपर ज़ात वाले मनसबदार अभिजात (उमरा, जोकि अमीर का बहुवचन है) कहे गए। सैन्य सभियनों में ये अभिजात अपनी सेनाओं के साथ भाग लेते थे तथा प्रान्तों में वे साम्राज्य के अधिकारियों के रूप में कार्य करते थे।
मनसबदार की नियुक्ति हेतु एक विस्तृत प्रक्रिया का पालन किया जाता था। तजवीज़ एक अभिजात द्वारा बादशाह के समक्ष प्रस्तुत की जाने वाली ऐसी याचिका थी जिसमें किसी उम्मीदवार को मनसबदार के रूप में नियुक्त करने की अनुशंसा की जाती थी। यह प्रणाली सैद्धांतिक रूप से सभी व्यक्तियों के लिए खुली थी, परंतु परास्त राज्यों और शाही वंशजों के शासकों एवं अभिजातों को वरीयता प्रदान की जाती थी, हालांकि अथम पृष्ठभूमि वाले कई प्रतिभाशाली पुरुषों को भी मनसबदारों के रूप में नियुक्त किया जाता था।