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Question

Q. नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और परिच्छेद के नीचे दिए आने वाले प्रश्न के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नों के लिए आपके उत्तर केवल इन्हीं परिच्छेदों पर ही आधारित होने चाहिए।

अभिजातीय शासन स्वयं को उस दायरे में अत्यधिक रूप से सीमाबद्ध करके विनष्ट कर लेता है, जिस दायरे में सत्ता सीमित होती है; अल्पतंत्रीय शासन तात्कालिक धन प्राप्ति के लिए असावधानीपूर्वक संघर्ष कर स्वयं को विनष्ट करता है। यहाँ तक कि, लोकतंत्र के अतिरेक से लोकतंत्र भी स्वयं को विनष्ट करता है। इसका मूलभूत सिद्धांत यह है कि पद धारण करने और लोक नीति निर्धारण करने का सबको समान अधिकार है। प्रथम दृष्टि में, यह एक सुखद व्यवस्था है; किंतु यह विनाशकारी बन जाता है, क्योंकि लोग समुचित रूप से शिक्षित नहीं होते हैं कि वे उत्तम शासकों और सर्वाधिक विवेकपूर्ण मार्ग का चयन कर सकें। लोगों को समझ नहीं होती है और वे केवल वही दोहराते हैं जो उनके शासक उन्हें कहना पसंद करते हैं। ऐसा लोकतंत्र, निरंकुश शासन या स्वेच्छाचारी शासन होता है। - प्लेटो।

निम्नलिखित में से कौन-सा कथन उपर्युक्त परिच्छेद के मर्म को सर्वोत्तम रूप से दर्शाता है?


A
मानव समाज शासन के भिन्न-भिन्न रूपों के साथ प्रयोग करते हैं।
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B
अपने मूलभूत सिद्धांत के अतिरेक के कारण शासन के किसी भी रूप का अपकर्ष हो जाता है।
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C
सभी नागरिकों की शिक्षा ही पूर्ण, कार्यात्मक और धारणीय लोकतंत्र को सुनिश्चित करती है।
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D
शासन का अस्तित्व एक अपरिहार्य बुराई है, क्योंकि शासन के सभी रूपों में निरंकुशता अंतर्निहित होती है।
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Solution

The correct option is B अपने मूलभूत सिद्धांत के अतिरेक के कारण शासन के किसी भी रूप का अपकर्ष हो जाता है।
अपने मूलभूत सिद्धांत के अतिरेक के कारण शासन के किसी भी रूप का अपकर्ष हो जाता है।

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Q. नीचे दिए गए परिच्छेद को पढ़िए और परिच्छेद के नीचे दिए आने वाले प्रश्न के उत्तर दीजिए। इन प्रश्नों के लिए आपके उत्तर केवल इन्हीं परिच्छेदों पर ही आधारित होने चाहिए।

अभिजातीय शासन स्वयं को उस दायरे में अत्यधिक रूप से सीमाबद्ध करके विनष्ट कर लेता है, जिस दायरे में सत्ता सीमित होती है; अल्पतंत्रीय शासन तात्कालिक धन प्राप्ति के लिए असावधानीपूर्वक संघर्ष कर स्वयं को विनष्ट करता है। यहाँ तक कि, लोकतंत्र के अतिरेक से लोकतंत्र भी स्वयं को विनष्ट करता है। इसका मूलभूत सिद्धांत यह है कि पद धारण करने और लोक नीति निर्धारण करने का सबको समान अधिकार है। प्रथम दृष्टि में, यह एक सुखद व्यवस्था है; किंतु यह विनाशकारी बन जाता है, क्योंकि लोग समुचित रूप से शिक्षित नहीं होते हैं कि वे उत्तम शासकों और सर्वाधिक विवेकपूर्ण मार्ग का चयन कर सकें। लोगों को समझ नहीं होती है और वे केवल वही दोहराते हैं जो उनके शासक उन्हें कहना पसंद करते हैं। ऐसा लोकतंत्र, निरंकुश शासन या स्वेच्छाचारी शासन होता है। - प्लेटो।

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