The correct option is B
केवल 1और 2
व्याख्या:
कथन 1और 2 सही है:विशेष आवश्यकताओं अर्थात दिव्यांग व्यक्तियों को किसी विशिष्ट संदर्भ में असामान्य माना जा सकता है तथा उन्हें विशेष सहायता प्राप्त करने का अधिकार है। समस्या यह होती है कि ऐसी व्यवस्था करने के लिए लोगों की असामान्यता को पहचानना आसान नहीं होता है। विकलांगता, उम्र , अच्छी शिक्षा या स्वास्थ्य सुविधा की कमी, कुछ ऐसे कारक हैं जिन्हें कई देशों में विशेष उपचार का आधार माना जाता है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि जिन लोगों के रहन-सहन और उनके पास उपलब्ध अवसरों का स्तर बहुत भिन्न है, उनके साथ वैसा ही व्यवहार किया जता है जैसा स्वस्थ और उत्पादक जीवन जीने के लिए न्यूनतम बुनियादी जरूरतों से भी वंचित लोगो के साथ होता है, तो इसका परिणाम असमान समाज बनने की संभावना पर बल देता है ना की समतावादी समाज। हमारे देश में अच्छी शिक्षा या स्वास्थ्य सेवा और ऐसी अन्य सुविधाओं की उपलब्धता के अभाव को प्रायः जाति के आधार पर सामाजिक भेदभाव के साथ जोड़ा जाता है।अतः संविधान में अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों के लिए शैक्षिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए कोटा तथा सरकारी नौकरियों में आरक्षण(सकारात्मक कार्रवाई) की व्यवस्था की गई है।
कथन 3 गलत है:
विश्व स्वास्थ्य संगठन स्वास्थ्य के अधिकार को "शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की पूर्ण स्थिति के रूप में परिभाषित करता है, न कि केवल बीमारी या दुर्बलता की अनुपस्थिति।यद्यपि स्वास्थ्य का अधिकार सुव्यवस्थित और एक गरिमामय जीवन जीने के लिए आवश्यक माना जाता है परन्तु भारतीय संविधान इसे मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता नहीं देता है। हालाँकि, ड्राफ्ट नेशनल हेल्थ पॉलिसी ने स्वास्थ्य के अधिकार को, एक व्यक्ति के जीवन का एक अटूट हिस्सा बनाने का प्रस्ताव दिया है।