Q. निम्नलिखित गवर्नर-जनरल के संदर्भ में, भारत के गवर्नर-जनरल के रूप में उनके उत्तराधिकार का सही कालानुक्रमिक क्रम क्या है?
व्याख्या :
गवर्नर जनरल और उनके वर्ष
1. लॉर्ड इरविन (1926-1931): उनके कार्यकाल के महत्त्वपूर्ण घटनाक्रमों में साइमन कमीशन की भारत की यात्रा (1928) और उक्त आयोग का भारतीयों द्वारा बहिष्कार शामिल है। लखनऊ में आयोजित सर्वदलीय सम्मेलन (1928) में नेहरू रिपोर्ट,गांधी द्वारा दांडी मार्च (12 मार्च, 1930) और सविनय अवज्ञा आंदोलन का शुभारंभ किया गया।
2. लॉर्ड विलिंगडन (1931-1936):
दूसरा और तीसरा गोलमेज सम्मेलन, सांप्रदायिक पुरस्कार की घोषणा (1932) जिसके तहत अलग-अलग साम्प्रदायिक चुनाव किए गए थे। गांधीजी का यरवदा जेल में आमरण अनशन और तत्पश्चात पूना पैक्ट (1932), भारत सरकार अधिनियम 1935
3. लॉर्ड लिनलिथगो (1936-1944):
वायसराय द्वारा ‘अगस्त ऑफर '(1940), भारत से सुभाष चंद्र बोस का पलायन (1941)और आजाद हिन्द फ़ौज का संगठन, क्रिप्स मिशन की भारत को डोमिनियन स्टेटस प्रदान करने की योजना, राष्ट्रीय नेताओं की गिरफ्तारी, के बाद अगस्त क्रांति 'या 1942 के विद्रोह का शुरू होना। मुस्लिम नेताओं के कराची सत्र (1944) में 'डिवाइड एंड क्विट' के नारे
4. लॉर्ड वेवेल (1944-1947):
वेवेल योजना और शिमला सम्मेलन (1942), कैबिनेट मिशन के प्रस्ताव (1946) और कांग्रेस द्वारा इसकी स्वीकृति। संविधान सभा के चुनाव, कांग्रेस द्वारा अंतरिम सरकार का गठन (सितंबर 1946), 20 फरवरी, 1947 को क्लीमेंट एटली (इंग्लैंड के प्रधान मंत्री) द्वारा भारत में ब्रिटिश शासन के अंत की घोषणा।