Q. निम्नलिखित में से कौन सा कारक अवध को 1857 के विद्रोह के केंद्र के रूप में रेखांकित करता है?
निम्नांकित कूटों का प्रयोग करके सही उत्तर चुनें।
व्याख्या :
कथन 1 गलत है:
1856 में अवध पर कब्जे के बाद, अंग्रेजों ने राजस्व की एक नयी नीति अपनाई जिसे एकमुश्त बंदोबस्त(summary settlement) के रूप में जाना जाता है, यह बंदोबस्त इस मान्यता पर आधारित था कि ताल्लुकदार बिचौलिए थे जिनके पास जमीन का मालिकाना नहीं था, उन्होंने बल और धोखाधड़ी के माध्यम से अपना प्रभुत्व स्थापित किया हुआ था। ताल्लुकदार ब्रिटिश राजस्व नीतियों के खिलाफ विद्रोह में सबसे आगे थे क्योंकि इससे [एकमुश्त बंदोबस्त] किसानों पर उनकी पकड़ कम हो गई थी। एकमुश्त बंदोबस्त से ताल्लुकदारों को उनकी जमीनों से बेदखल किया जाने लगा, इस प्रकार ताल्लुकदारों के नियंत्रण को कम किया और जिसने उन्हें अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह करने के लिए उकसाया।
कथन 2 सही है: ब्रिटिश भूमि राजस्व अधिकारियों का मानना था कि ताल्लुकदारों को हटाकर वे जमीन वास्तविक भूस्वामियों के हाथ में सौंप देंगे। इस नीति से, राजस्व वसूली में इजाफा होगा, लेकिन किसानों के बोझ में कमी नहीं आई। कुछ स्थानों पर तो राजस्व मांग में 30 प्रतिशत से बढ़कर 70 प्रतिशत तक इजाफा हो गया था। इस प्रकार किसानों का अंग्रेजों के प्रति असंतोष बढ़ा और उन्होंने 1857 के विद्रोह में बढ़चढ़कर भाग लिया।
कथन 3 सही है: बंगाल आर्मी के सिपाहियों में से बहुत सारे अवध और पूर्वी उत्तर प्रदेश के गांवों से भर्ती होकर आये थे। वास्तव में, अवध को "बंगाल आर्मी की पौधशाला" कहा जाता था। सिपाहियों के परिवार अपने आस-पास जिन बदलावों को देख रहे थे और उन्हें जो खतरे दिखाई दे रहे थे, वे शीघ्र ही सिपाही लाइनों में भी दिखाई देने लगे। सिपाहियों और ग्रामीण जगत के बीच मौजूद इन संबंधों से जनविद्रोह के रूप-रंग पर गहरा असर पड़ा।