Q. निम्नलिखित में से कौन सा नील विद्रोह (1859-60)के गुण थे?
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन सा/से कथन सत्य है/हैं?व्याख्या:
1777 के आरंभ में बंगाल में नील की खेती शुरू हुआ। जब ब्रिटिश सत्ता का विस्तार हुआ, तो यूरोप में ब्लू डाई की उच्च मांग के कारण नील की खेती पर जोर दिया गया। किसानों को खाद्य फसलों की बजाय नील बौने के लिए मजबूर किया गया था। किसानों को नील की खेती के लिए "डेडॉन" नामक ऋण प्रदान किए गए थे जिसका ब्याज दर बहुत अधिक था। इसने लोगों को ऋणी बना दिया जिसके परिणामस्वरूप विद्रोह हुआ। इंडिगो किसानों ने बंगाल प्रेसिडेन्सी के नादिया जिले में विद्रोह शुरू किया। उन्होंने इंडिगो उत्पादन करने से इंकार कर दिया। जवाब में यूरोपीय प्लांटर्स ने किराया बढ़ाने और किसानों को बेदखल कर दिया। इससे आंदोलन के तीव्रता एवं टकराव में वृद्धि हुई। बाद में, विद्रोहियों को बुद्धिजीवियों, प्रेस, मिशनरी और मुस्लिमों से इसे समर्थन मिला। इसके नेता दिगंबर और बिष्णु बिश्वास थे। इस स्थिति को दीन बंधु मित्र के नील दर्पण में चित्रित किया गया था।
यह किसान आंदोलनों का सबसे हिंसक और व्यापक रूप था। इसके अलावा, यह एक सफल विद्रोह था।
नतीजा: सरकार ने एक अधिसूचना जारी की कि भारतीय किसानों को नील उत्पादन करने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है तथा वह सुनिश्चित करेगा कि सभी विवाद कानूनी तरीको से सुलझाए जायें।