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Question

Q. नयनार एवं अल्वार संतों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

A

केवल 1
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B

केवल 1 और 3
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C

केवल 2 और 3
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D

1, 2 और 3
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Solution

The correct option is C
केवल 2 और 3
व्याख्या:

कथन 1 गलत है: दक्षिण भारत के प्रारंभिक भक्ति आंदोलनों (छठी शताब्दी ईसा.) का नेतृत्व अल्वारों (शाब्दिक रूप से, जो विष्णु की भक्ति में लीन थे) एवं नयनारों (शाब्दिक रूप से, जो शिव के भक्त थे) द्वारा किया गया था। वे सगुण भक्ति (गुणों से युक्त ईश्वर) में विश्वास करते थे। अल्वारों की रचना नलयिरा दिव्यप्रबंधम के रूप में जानी जाती है, और शिव संतों जैसे अप्पार, सामबंदर, सुंदरर की कविताओं के संकलन को तेवारम कहा जाता था।

कथन 2 सही है: इन परंपराओं की सबसे प्रमुख विशेषता इनमें महिलाओं की मौजूदगी थी। उदाहरणार्थ: अंडाल नामक एक अल्वार महिला की रचनाओं का व्यापक रूप से गायन किया जाता था। अंडाल स्वयं को विष्णु की प्रिय के रूप में बताती थी; अपनी कविताओं में वह अपने इष्ट देवता के प्रति प्रेम को व्यक्त करती थी। एक अन्य महिला, कराईकल अम्मैयार जो शिव की भक्त थी, द्वारा अपने लक्ष्य की प्राप्ति हेतु घोर तपस्या के मार्ग को अपनाया गया।

कथन 3 सही है: ये अपने देवताओं की प्रशंसा में भजन (तमिल भाषा में लिखित) गाते हुए भिन्न- भिन्न स्थानों की यात्रा करते थे। इन संतों ने जाति व्यवस्था के विरोध में आंदोलन प्रारंभ किया तथा व्यवस्था में सुधार की भी मांग की। उन्होंने जाति और सामाजिक स्थिति के बावजूद सभी वर्गों के लिए भक्ति का मार्ग खोल दिया।

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Literary Sources- Tirukkural and Other Tamil Poems
HISTORY
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