Q. समान परंतु विभेदित उत्तरदायित्वों (CBDR) के संदर्भ में, निम्नलिखित विवरणों पर विचार करें:
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन-सा/से गलत है / हैं?
A
केवल 1 और 2
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B
केवल 2 और 3
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C
केवल 1 और 3
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D
केवल 1
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Solution
The correct option is D
केवल 1 व्याख्या:
कथन 1 गलत है: 1992 में रियो डी जेनारियो में पृथ्वी शिखर सम्मेलन के जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेम वर्क कन्वेंशन (UNFCCC) में समान किन्तु विभेदित उत्तरदायित्वों (CBDR) को औपचारिक रूप दिया गया था। कन्वेंशन के पक्षकारों ने सहमति व्यक्त की कि ग्रीनहाउस गैसों के वर्तमान वैश्विक उत्सर्जन का सबसे बड़ा हिस्सा विकसित देशों का है। यह भी स्वीकार किया गया कि विकासशील देशों में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन अभी भी अपेक्षाकृत कम है।
कथन 2 सही है: समान किन्तु विभेदित उत्तरदायित्वों (CBDR) का सिद्धांत मानता है कि पर्यावरण विनाश से निपटने के प्रयास करना सभी राष्ट्रों का साझा दायित्व है, लेकिन यह पर्यावरण संरक्षण के संबंध में सभी राज्यों की समान जिम्मेदारी से इनकार करता है। पृथ्वी शिखर सम्मेलन में, राज्यों ने विकसित और विकासशील देशों के बीच आर्थिक विकास की असमानता को स्वीकार किया। विकसित देशों में औद्योगीकरण का विकास विकासशील देशों की तुलना में बहुत पहले हुआ। समान किन्तु विभेदित उत्तरदायित्व (CBDR) औद्योगीकीकरण और जलवायु परिवर्तन के बीच संबंध पर आधारित है।
कथन 3 सही है: उत्तर के विकसित देश पर्यावरण के मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं और सभी को पारिस्थितिक संरक्षण के लिए समान रूप से जिम्मेदार बनाना चाहते हैं। दक्षिण के विकासशील देशों को लगता है कि दुनिया में ज्यादातर पारिस्थितिक क्षरण विकसित देशों द्वारा किए गए औद्योगिक विकास का प्रतिफल है। यदि विकसित देश पर्यावरण क्षरण का कारण हैं, तो नुकसान की भरपाई की अधिक जिम्मेदारी भी उन्हें ही लेनी होगी। विकासशील देश औद्योगिकीकरण की प्रक्रिया में हैं और उन्हें उन प्रतिबंधों के अधीन नहीं होना चाहिए, जो विकसित देशों पर लागू होते हैं। इसलिए अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण कानूनों के निर्माण के समय विकासशील देशों की विकास संबंधी विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए। इस तर्क को 1992 में रियो में पृथ्वी शिखर सम्मेलन के दौरान समान किन्तु विभेदित उत्तरदायित्वों (CBDR) के सिद्धांत के रूप में स्वीकार किया गया था।