Q. ‘संथाल जनजातियों’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें-
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
व्याख्या :
जंगलों को साफ करने और स्थायी खेती करने के लिए अंग्रेजों द्वारा संथालों को राजमहल की तलहटी में बसने के लिए तैयार कर लिया गया। 1832 तक भूमि के एक बड़े क्षेत्र को दामिन-ई-कोह के रूप में सीमांकित कर दिया गया। इसे संथालों की भूमि घोषित कर दिया गया। उन्हें इस इलाके के भीतर रहना था, हल चलाकर खेती करनी थी और स्थायी किसान बनना था। संथालों की तुलना में पहाड़ियों पर रहने वाले पहाड़िया जनजातियों ने उक्त जनजाति को वहाँ बसाने और कृषि कार्य में संलग्न करने के ब्रिटिश प्रयासों का विरोध किया।
हालांकि, संथालों ने जल्दी ही यह समझ लिया कि उन्होंने जिस भूमि पर खेती करनी शुरू की थी, वह उनके हाथों से निकलती जा रही है। सरकार (राज्य) संथालों द्वारा साफ़ की गई भूमि पर भारी कर लगा रही थी, साहूकार (दिकू) लोग बहुत ऊँची दर पर ब्याज ले रहे थे और कर्ज न अदा करने की स्थिति में जमीन पर ही कब्जा कर रहे थे, जमींदार दामिन इलाके पर नियंत्रण का दावा करते थे। 1850 के दशक तक आते-आते, संथालों ने महसूस किया कि ज़मींदारों, साहूकारों और औपनिवेशिक राज्य के विरुद्ध विद्रोह करने का समय आ गया है, ताकि अपने लिए एक आदर्श वातावरण स्थापित किया जा सकें।इसी के परिणामस्वरूप 1855-56 में संथाल विद्रोह हुआ।