Q. The ‘Asian Premium’, which was recently in the news, is collected from Asian countries by which of the following organisations?
Q. एशियन प्रीमियम (Asian Premium), जो हाल ही में चर्चा में था, एशियाई देशों से किस संगठन द्वारा एकत्र किया गया है?
Explanation: Recently, in November 2020, the Organisation for Petroleum Exporting Countries (OPEC) Secretariat hosted the 4th High-Level Meeting of the OPEC-India Dialogue via video conferencing. The Meeting was co-chaired by the Secretary General of OPEC and India’s Minister of Petroleum and Natural Gas. During the meeting, the Minister urged OPEC to address the historical aberration in crude pricing for Asia by ending the ‘Asian Premium’.
‘Asian Premium’ refers to the higher prices for crude-oil charged by OPEC countries from the Asian countries relative to the European and North American countries. OPEC countries supply relatively cheap crude-oil exports to the United States and Europe to maintain market share for political objectives, such as the presumed benefits of military and political support in the conduct of international relations. Hence, it is sometimes also referred to as a ‘North Atlantic Discount’.
Perspective: Context: UPSC usually asks terminology based questions that are in news and hence, aspirants have to familiarise themselves with terms such as Asian Premium, Zombie Firms, Kafala System, H1B Visa etc. to tackle such questions with ease in the preliminary examination. To solve this question we can take a cue from the stemming of the question itself as it refers that Asian Premium is collected by which of the following organisations. Thus we can make an assumption that it might be related to a commodity for which countries are paying the premium. So all of the above mentioned organisations except OPEC are related to cooperation among the member countries and in general are not trading any commodity. On the other hand OPEC is in news related to determining oil prices which is a commodity and Asian countries are also one of the largest importers of crude oil. Thus, except OPEC, other organisations can be eliminated using this logic. |
व्याख्या : हाल ही में, नवंबर 2020 में, पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (OPEC) सचिवालय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ओपेक-इंडिया संवाद की 4 वीं उच्च-स्तरीय बैठक की मेजबानी की। बैठक की सह-अध्यक्षता ओपेक के महासचिव और भारत के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री ने की थी। इस बैठक के दौरान, मंत्री ने ओपेक से ’एशियाई प्रीमियम’ समाप्त करके एशिया के लिए क्रूड मूल्य निर्धारण में ऐतिहासिक विचलन के निराकरण करने का आग्रह किया।
‘एशियन प्रीमियम’ से तात्पर्य यूरोपीय और उत्तरी अमेरिकी देशों के सापेक्ष एशियाई देशों से ओपेक देशों द्वारा लिए जाने वाले कच्चे तेल के उच्च मूल्यों से है। ओपेक देश राजनीतिक उद्देश्यों के लिए बाजार हिस्सेदारी बनाए रखने हेतु संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप को अपेक्षाकृत सस्ते कच्चे तेल की आपूर्ति करते हैं, जैसे कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों के संचालन में सैन्य और राजनीतिक समर्थन के अनुमानित लाभ। इसलिए, इसे कभी-कभी 'उत्तर अटलांटिक डिस्काउंट' के रूप में भी जाना जाता है।
परिप्रेक्ष्य: संदर्भ : यूपीएससी आमतौर पर शब्दावली आधारित प्रश्न पूछता है जो चर्चा में होते हैं और इसलिए, प्रारंभिक परीक्षा में आसानी से ऐसे प्रश्नों को हल करने के लिए छात्रों को एशियन प्रीमियम, ज़ोंबी फर्म, कफला सिस्टम, एच 1 B वीजा आदि जैसे शब्दों से परिचित होना पड़ता है। इस प्रश्न को हल करने के लिए हम स्वयं इस प्रश्न से एक संकेत ले सकते हैं, क्योंकि यह संदर्भित करता है कि एशियन प्रीमियम निम्नलिखित में से किस संगठन द्वारा एकत्र किया जाता है। इस प्रकार हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि यह एक कमोडिटी से संबंधित हो सकता है जिसके लिए देश प्रीमियम का भुगतान कर रहे हैं। इसलिए ओपेक को छोड़कर उपरोक्त सभी संगठन सदस्य देशों के बीच सहयोग से संबंधित हैं और सामान्य तौर पर किसी भी वस्तु का व्यापार नहीं कर रहे हैं। दूसरी ओर ओपेक तेल की कीमतें निर्धारित करने से संबंधित है जो कि एक कमोडिटी है और एशियाई देश भी कच्चे तेल के सबसे बड़े आयातकों में से एक हैं। इस प्रकार, ओपेक को छोड़कर, अन्य संगठनों वाले विकल्प को इस तर्क का उपयोग करके समाप्त किया जा सकता है। |