Q. The court poet Ravikirti composed prashasti for his king, who belonged to the dynasty of
Q. दरबारी कवि रविकीर्ति ने अपने राजा के लिए प्रशस्ति लिखी थी, वो राजा किस वंश से संबंधित था?
Explanation:
The best-known Chalukya ruler was Pulakeshin II and Ravikriti was the court poet of Pulakesin II. The eulogy of Pulakeshin II was written by Ravikirti in the Aihole Inscription. The eulogy describes his victories against the Kadambas of Banavasi, Alupas and Gangas of Mysore.
Option (a) is correct: The Aihole Inscription, also known as the Aihole prashasti, is a Sanskrit inscription in Kannada script at Meguti temple in Aihole, Karnataka, India. An eulogy dated 634–635 CE, it was composed by the poet Ravikirti in honor of his patron, king Polekesin Satyasraya (Pulakeshin II) of the Badami Chalukya dynasty.
According to Ravikirti, he led expeditions along both the west and east coasts. Besides, he checked the advance of Harsha. There is an interesting play of words in the poem. Harsha means happiness. The poet says that after this defeat, Harsha was no longer Harsha!
व्याख्या:
सबसे प्रसिद्ध चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वितीय था और रविकीर्ति, पुलकेशिन द्वितीय के दरबारी कवि थे। पुलकेशिन द्वितीय की प्रशस्ति रविकीर्ति द्वारा ऐहोल शिलालेख में लिखी गई थी। यह प्रशस्ति बनवासी के कदंबों, मैसूर केअलुपा और गंग के विरुद्ध उसकी जीत का वर्णन करता है।
विकल्प (a) सही है: ऐहोल शिलालेख, जिसे ऐहोल प्रशस्ति के नाम से भी जाना जाता है, भारत के कर्नाटक के ऐहोल में मेगुती मंदिर में कन्नड़ लिपि में एक संस्कृत शिलालेख है। इस प्रशस्ति की अवधि 634-635 CE है, इसकी रचना कवि रविकीर्ति ने अपने संरक्षक, बादामी चालुक्य वंश के राजा पुलकेशिन सत्याश्रय (पुलकेशिन द्वितीय) के सम्मान में की थी।
रविकीर्ति के अनुसार, उन्होंने पश्चिमी और पूर्वी दोनों तटों पर अभियानों का नेतृत्व किया। इसके अलावा, उन्होंने हर्ष के उदय का भी उल्लेख किया। कविता में शब्दों का रुचिपूर्ण प्रयोग किया गया है। हर्ष का अर्थ है- खुशी। कवि ने कहा है कि इस हार के बाद हर्ष अब हर्ष नहीं रहा!