wiz-icon
MyQuestionIcon
MyQuestionIcon
1
You visited us 1 times! Enjoying our articles? Unlock Full Access!
Question

Q. What was/were the consequences of securing the Diwani rights by the East India Company over Bengal?

1. The ‘investments’ of the company increased.
2. India’s exports to England exceeded its imports.
3. Expenditures incurred by the British government in agriculture led to surplus production.

Select the correct answer using the code given below:

Q. ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बंगाल पर दीवानी अधिकार हासिल किये जाने का क्या परिणाम हुआ/हुए ?

1. कंपनी के ‘निवेश’ में वृद्धि हुई।
2. इंग्लैंड को किया जाने वाला भारतीय निर्यात इसके आयात से अधिक हो गया।
3. कृषि में ब्रिटिश सरकार द्वारा किए गए व्यय से अधिशेष उत्पादन हुआ l

नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनें:

A

1 only
केवल 1
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
B

2 only
केवल 2
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
C

1 and 2 only
केवल 1 और 2
Right on! Give the BNAT exam to get a 100% scholarship for BYJUS courses
D

1, 2 and 3
1,2 और 3
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
Open in App
Solution

The correct option is C
1 and 2 only
केवल 1 और 2
Statement 1 is correct:
The company purchases or procurement of goods and cloth from weavers and handicrafts men were known as 'Investments'. In 1765 the company acquired the diwani rights or revenue collection rights from mughal emperor. The company used its political control over Bengal to push its indian trade.
Moreover it utilised the revenue of Bengal to finance its exports of indian goods. The company used its political power to dictate terms to the weavers of Bengal who were forced to sell their products at a cheaper and dictated price, even at a loss. Moreover, their labour was no longer free. Many of them were compelled to work for low wages and were forbidden to work for Indian merchants. The company eliminated its rival traders both Indian and foreign and prevented them from offering higher prices and wages to Bengal handicrafts men. The servants of the company monopolised the sale of raw cotton and made the Bengal weaver pay exorbitant prices for it. Thus, the weaver lost both ways as buyer as well as seller.

Statement 2 is correct:
Due to newly acquired political power combined with large revenue, the company exported large volumes of goods and clothes. Even in the second half of the eighteenth century the British industries were still in nascent stage, not able to compete with superior handmade Indian products. Import from Britain to India was minimal. The drain of wealth from Bengal began in 1757 when the Company's servants began to carry home immense fortunes extorted from Indian rulers, zamindars, merchants and the common people. They sent home nearly £ 6 million between 1758 and 1765. This amount was more than four times the total land revenue collection of the Nawab of Bengal in 1765.

Statement 3 is incorrect:
East India Company at the time did not spend a single penny for indian agriculture. Instead the economic policies of the company led to decline in agriculture and productivity. Artisanal production was in decline, and agricultural cultivation showed signs of collapse. Then in 1770 a terrible famine killed ten million people in Bengal. About one-third of the population was wiped out.

कथन 1 सही है: कंपनी बुनकरों और हस्तशिल्पियों से सामान और कपड़े की खरीद करती थी,जिसे 'निवेश' के रूप में जाना जाता था।1765 में कंपनी ने मुगल सम्राट से दीवानी अधिकार या राजस्व संग्रह अधिकार हासिल कर लिया।कंपनी ने अपने भारतीय व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए बंगाल पर अपने राजनीतिक नियंत्रण का इस्तेमाल किया।
इसके अलावा इसने भारतीय माल के निर्यात के लिए बंगाल के राजस्व का उपयोग किया।कंपनी ने अपनी राजनैतिक शक्ति का इस्तेमाल करते हुए बंगाल के बुनकरों के लिए शर्तें तय की। बुनकरों को अपने उत्पादों को सस्ते और तयशुदा मूल्य पर बेचने के लिए मजबूर किया गया।इसके अलावा उनका श्रम अब स्वतंत्र नहीं था।उनमें से कई को कम मजदूरी पर काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और भारतीय व्यापारियों के लिए काम करने से मना किया जाता था।कंपनी ने अपने प्रतिद्वंद्वी व्यापारियों (भारतीय और विदेशी दोनों) को समाप्त कर दिया और उन्हें बंगाल के बुनकरों को उच्च कीमत और मजदूरी देने से रोका।कंपनी के सेवकों ने कच्चे कपास की बिक्री पर एकाधिकार स्थापित कर लिया और इसके लिए बंगाल के बुनकरों को अत्यधिक भुगतान करना पड़ता था।इस प्रकार बुनकर खरीदार और विक्रेता दोनों तरह से बर्बाद हो गए।

कथन 2 सही है: नव अर्जित राजनीतिक शक्ति,जो बड़े पैमाने पर राजस्व से संबंधित थी,के कारण कंपनी ने बड़ी मात्रा में सामान और कपड़े का निर्यात किया।अठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में भी ब्रिटिश उद्योग नवजात अवस्था में था,जो हाथ से बने उन्नत किस्म के भारतीय उत्पादों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं थे।ब्रिटेन से भारत में आयात न्यूनतम था।बंगाल से धन की निकासी 1757 में शुरू हुई जब कंपनी के सेवकों ने भारतीय, शासकों, जमींदारों, व्यापारियों और आम लोगों के धन को अपने घर ले जाना शुरू कर दिया।उन्होंने 1758 और 1765 के बीच लगभग £ 6 मिलियन अपने घर भेजे।यह राशि 1765 में बंगाल के नवाब के कुल भू-राजस्व संग्रह से चार गुना अधिक थी।

कथन 3 गलत है: उस समय ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय कृषि पर एक पैसा भी खर्च नहीं किया।इसके बजाय कंपनी की आर्थिक नीतियों के कारण कृषि और उत्पादकता में गिरावट आई।बुनकरों या शिल्पियों के उत्पादन में गिरावट आई और कृषि में गिरावट के संकेत मिले।फिर1770 में एक भयानक अकाल ने बंगाल में दस मिलियन लोगों की जान ले ली।लगभग एक तिहाई आबादी समाप्त हो गयी।

flag
Suggest Corrections
thumbs-up
0
similar_icon
Similar questions
View More
Join BYJU'S Learning Program
similar_icon
Related Videos
thumbnail
lock
Masulipatnam
HISTORY
Watch in App
Join BYJU'S Learning Program
CrossIcon