The correct option is B
Right to Reservation
आरक्षण का अधिकार
Explanation:
Recently, the Supreme Court of India has said that reservation of seats provided to certain communities is not a fundamental right.
Option (a) is incorrect: In Justice KS Puttaswamy (retd) and another v. Union of India and others (2017), the Supreme Court of India declared that citizens of India have a fundamental right to privacy under Article 21 of the Indian Constitution.
Option (b) is correct: Recently, all Political Parties from the State of Tamil Nadu filed a Writ Petition under Article 32 regarding the non-implementation of Reservation of Medical Seats for Other Backward Classes (OBC) candidates contributed by the State of Tamil Nadu to the All India Quota. The Supreme Court declined the writ petition and held that there is no fundamental right to Reservation.
Option (c) is incorrect: In Faheema Shirin RK vs. State of Kerala and Ors., the Kerala High Court declared that Right to access Internet is an integral part of Right to education and Right to Privacy under Article 21A and Article 21 of the Constitution of India respectively.
Option (d) is incorrect: In Shakti Vahini v. Union of India (2017), the Supreme Court held that the right to marry the person of one’s choice is an inherent part of individual dignity and intrinsic to Article 21 and hence a fundamental right.
व्याख्या: हाल ही में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि कुछ समुदायों को दी गई सीटों का आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है।
विकल्प (a) गलत है: न्यायमूर्ति केएस पुट्टास्वामी (सेवानिवृत्त) और अन्य बनाम भारत संघ एवं अन्य (2017) में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने घोषणा की कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत भारत के नागरिकों को निजता का मौलिक अधिकार प्राप्त है।
विकल्प (b) सही है: हाल ही में, तमिलनाडु राज्य के सभी राजनीतिक दलों ने अनुच्छेद 32 के तहत तमिलनाडु राज्य द्वारा अखिल भारतीय कोटा में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) उम्मीदवारों के लिए चिकित्सा सीटों के आरक्षण को लागू नहीं करने के संबंध में एक रिट याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने रिट याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि आरक्षण कोई मौलिक अधिकार नहीं है।
विकल्प (c) गलत है: फहीमा शिरिन आरके बनाम केरल राज्य और अन्य मामले में, केरल उच्च न्यायालय ने घोषणा की कि इंटरनेट का उपयोग करने का अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 A और अनुच्छेद 21 के तहत शिक्षा का अधिकार और निजता के अधिकार का अभिन्न अंग है।
विकल्प (d) गलत है: शक्ति वाहिनी बनाम भारत संघ (2017) में, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि व्यक्ति को अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करने का अधिकार व्यक्तिगत गरिमा और अनुच्छेद 21 का एक अंतर्निहित हिस्सा है इस प्रकार यह एक मौलिक अधिकार है।