Q. Which among the following leaders did not support entry into legislative councils after withdrawal of the Non-Cooperation Movement?
Select the correct answer using the codes given below.
Q. निम्नलिखित में से किस नेता ने असहयोग आंदोलन की वापसी के बाद विधान परिषदों में प्रवेश का समर्थन नहीं किया?
निम्नलिखित कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए:
Explanation: Congress-Khilafat Swarajya Party was formed in January 1923 after the Gaya session of Indian National Congress (INC) in 1922 by Motilal Nehru and C.R Das. They believed that nationalists should end the boycott of legislative councils by entering them, obstructing their working and exposing the weaknesses of the British. The leaders who joined them came to be called the Swarajists.
Points 1, 2 and 4 are correct: Leaders who did not support the council entry came to be known as the ‘No changers’. Vallabhbhai Patel, Dr Rajendra Prasad, C. Rajagopalachari belonged to this group who opposed council entry.
Point 3 is incorrect: N C Kelkar along with Madan Mohan Malaviya and Lala Lajpat Rai were Swarajist leaders and supported council entry. These leaders later came to be known as ‘Responsivists’ for cooperating with the government so that the Hindu interests might be safeguarded.
व्याख्या: कांग्रेस-खिलाफत स्वराज पार्टी का गठन जनवरी 1923 में मोतीलाल नेहरू और सी.आर. दास द्वारा 1922 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के गया अधिवेशन के बाद किया गया था। उनका मानना था कि राष्ट्रवादियों को विधान परिषदों में प्रवेश करके, अंग्रेजों के कार्यों में बाधा डालकर और उनकी कमजोरियों को उजागर करके अपना विधान-परिषदों का बहिष्कार समाप्त करना चाहिए। उनके साथ जुड़ने वाले नेता स्वराजवादी कहलाने लगे।
बिंदु 1, 2 और 4 सही हैं: जिन नेताओं ने परिषद में प्रवेश का समर्थन नहीं किया, उन्हें 'नो चेंजर' (No changers) के रूप में जाना जाने लगा। वल्लभभाई पटेल, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सी. राजगोपालाचारी इस समूह से संबंधित थे जिन्होंने परिषद में प्रवेश का विरोध किया था।
बिंदु 3 गलत है: मदन मोहन मालवीय और लाला लाजपत राय के साथ एन. सी. केलकर स्वराजवादी नेता थे और परिषद में प्रवेश का समर्थन करते थे। इन नेताओं को बाद में हिंदू हितों की रक्षा हेतु सरकार के साथ सहयोग करने के लिए अनुक्रियाशीलवादी गुट (Responsivists) के रूप में जाना जाने लगा।