Q. Which of the following is/are the mandates of the “Monetary Policy Committee”?
Select the correct answer using the codes given below:Perspective: Context: Questions related to monetary policy are frequently asked by the UPSC. This question can be solved if we carefully observe the statements given. Statement 3 mentions that MPC is responsible for managing the Fiscal Deficit of the Union government. In order to check the authenticity of this statement we need to recall the basic role played by different institutions in the economy. The Government of India (GoI) is responsible for framing and executing the fiscal policy and so managing fiscal deficit would also be the responsibility of the GoI. Hence statement 3 would be incorrect since the Monetary Policy Committee specifically deals with the Monetary policy and not the fiscal policy. This helps us in eliminating statement 3, leaving us with only options (a) and (b). This also means that statement 2 is correct. Alternatively, we can use the basic knowledge of current affairs for solving the question. We frequently read in the news that the government has set some targets for the fiscal deficit as a percentage of GDP. Also, we come across news items regarding steps taken by the government for meeting those targets (for example disinvestment of PSUs). This helps us conclude that managing fiscal deficit is not the mandate of MPC and hence helping us to eliminate statement 3. Now, we are left with options (a) and (b) only. This also means that statement 2 is correct. To mark the correct answer, statement 1 needs to be examined. It says that the Monetary Policy Committee will set the inflation target for every five years. It seems an exaggeration because such a target should be set by the elected Government which is answerable to the people for inflation. And the committee should implement such targets using various monetary policy tools. So, remembering the limits under which a body works is important. Hence, the answer is (b). |
परिप्रेक्ष्य: संदर्भ: मौद्रिक नीति से संबंधित प्रश्न अक्सर UPSC द्वारा पूछे जाते हैं। यदि हम दिए गए कथनों का ध्यानपूर्वक निरीक्षण करें तो यह प्रश्न हल हो सकता है। कथन 3 में उल्लेख है कि MPC केंद्र सरकार के राजकोषीय घाटे के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है। इस कथन की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए हमें अर्थव्यवस्था में विभिन्न संस्थानों द्वारा निभाई गई मूल भूमिका को याद करने की आवश्यकता है। भारत सरकार राजकोषीय नीति को तैयार करने एवं क्रियान्वित करने के लिए जिम्मेदार है और इसलिए राजकोषीय घाटे का प्रबंधन करना भी भारत सरकार की जिम्मेदारी होगी। इसलिए कथन 3 गलत होगा, क्योंकि मौद्रिक नीति समिति विशेष रूप से मौद्रिक नीति से संबंधित है न कि राजकोषीय नीति से। यह हमें कथन 3 को समाप्त करने में मदद करता है, इस तरह हमारे पास विकल्प के रूप में केवल (a) और (b) बच जाते हैं। इसका मतलब यह भी है कि कथन 2 सही है। वैकल्पिक रूप से, हम प्रश्न हल करने के लिए समसामयिकी के मूल ज्ञान का उपयोग कर सकते हैं। हम अक्सर समाचारों में पढ़ते हैं कि सरकार ने राजकोषीय घाटे के लिए कुछ लक्ष्य जीडीपी के प्रतिशत के रूप में निर्धारित किए हैं। साथ ही, हम उन लक्ष्यों को पूरा करने हेतु सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में समाचारों के जरिए अवगत होते हैं (उदाहरण के लिए सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश)। इससे हमें यह निष्कर्ष निकालने में मदद मिलती है कि राजकोषीय घाटे का प्रबंधन करना MPC का कार्य नहीं है और इसलिए कथन 3 को खत्म करने में यह हमारी मदद करता है। अब, हमारे पास केवल विकल्प (a) और (b) हैं। इसका मतलब यह भी है कि कथन 2 सही है। सही उत्तर को चिह्नित करने के लिए, कथन 1 की जांच की जानी चाहिए। इसमें कहा गया है कि मौद्रिक नीति समिति मुद्रास्फीति के लक्ष्य को हर पांच साल में तय करेगी। यह एक अतिशयोक्ति लगती है क्योंकि इस तरह के लक्ष्य को चुनी हुई सरकार द्वारा निर्धारित किया जाना चाहिए जो मुद्रास्फीति के लिए लोगों के प्रति जवाबदेह है। वहीं समिति को विभिन्न मौद्रिक नीति साधनों का उपयोग करके ऐसे लक्ष्यों को लागू करना चाहिए। इसलिए, उन सीमाओं को याद रखना आवश्यक है जिनके तहत एक निकाय काम करता है। इसलिए, सही उत्तर विकल्प (b) है। |