Q. Which of the following statements is/are correct with reference to Biomineralization?
Select the correct answer using the codes given below:
Q. निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन जैव खनिजीकरण (biomineralization) के संदर्भ में सही है/हैं?
निम्नलिखित कूट का उपयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिए:
Explanation: Biominerals are natural composite materials based upon biomolecules (such as proteins) and minerals produced by living organisms via processes known as biomineralization.
Statement 1 is correct: Biomineralization is a process of conversion of organic substances to inorganic substances by living organisms. It is the process by which living organisms produce minerals.
Statement 2 is correct: The process of Biomineralization helps in the production of bones, skeleton and teeth in organisms. It is the process by which mineral crystals are deposited in the matrix of living organisms. During the bone mineralisation, the crystals of mineral are accumulated in a systematic manner over the extracellular matrix, where the cells surrounding the mineral matrix prepares a pattern for mineral accumulation thus commencing the location for mineralisation and fixing the final dimensions of mineral crystals.
व्याख्या: जैव खनिज प्राकृतिक मिश्रित सामग्री हैं जो जैविक अणुओं (जैसे प्रोटीन) और सजीवों द्वारा उत्पादित खनिजों पर आधारित होते हैं, जिन्हें जैव खनिजीकरण (biomineralization) के रूप में जाना जाता है।
कथन 1 सही है: जैव खनिजीकरण (biomineralization) सजीवों द्वारा कार्बनिक पदार्थों को अकार्बनिक पदार्थों में बदलने की एक प्रक्रिया है। यह वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा सजीव खनिजों का उत्पादन करते हैं।
कथन 2 सही है: कथन 2 सही है: जैव खनिजीकरण (biomineralization) की प्रक्रिया से जीवों में हड्डियों, कंकाल और दांतों के बनने में मदद मिलती है। यह वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा खनिज क्रिस्टल सजीवों के मैट्रिक्स में जमा होते हैं। अस्थियों के खनिजीकरण के दौरान खनिज के क्रिस्टल बाह्य कोशिकीय मैट्रिक्स पर व्यवस्थित तरीके से जमा होते हैं, जहां खनिज मैट्रिक्स के आसपास की कोशिकाएँ खनिज संचय के लिए एक पैटर्न तैयार करती हैं और इस प्रकार खनिजीकरण के स्थान की शुरुआत कर खनिज कणों के अंतिम आयामों को निर्धारित करती हैं।