Q. Which of the following statements is/are correct with reference to the pardoning power of both, the President of India and the United States of America (USA)?
Select the correct answer using the codes given below:Perspective: Context: Presidents' functions and powers are important for UPSC. Recently the former President of the USA has used his pardoning powers before vacating the office. Thus the comparison of both Presidents’ pardoning powers question has been asked. Statement 1: Tip - Hawk-eye on Current Affairs: If one has followed news of how American President used his pardoning powers before vacating office, it becomes clear that the pardoning power of American President is discretionary. Further using the tip Grasping the Concepts and Comparing them with other countries, we know that in Indian system, the basic understanding is that, President of India has to follow the recommendations of the Council of Ministers in all matters except certain matters like appointing the Prime Minister during hung assembly etc. But what about the pardoning power? Is it discretionary or obligatory on Indian President? We can use the tip Applying contemporary examples, to deduce it. We have seen protests by various groups against the Government of India to fast track the execution of convicts in the Nirbhaya case. Similar demands and petitions were filed with government both in support of and against the execution of convicts in various cases like assassination of Indira Gandhi, Yakub Memon case etc. These cases give an idea that the government's role is crucial in handling mercy petitions of the convicts by giving recommendations to the President through the Council of Ministers. Thus we can conclude that the pardoning powers of Indian President are not discretionary. Hence we can conclude that statement 1 is incorrect. Thus eliminating options (b), (c) and (d) we get the answer as option (a). |
परिप्रेक्ष्य: संदर्भ: यूपीएससी के लिए राष्ट्रपति के कार्य और शक्तियाँ महत्त्वपूर्ण हैं। हाल ही में यूएसए के पूर्व राष्ट्रपति ने अपने पद का त्याग करने से पहले क्षमादान की शक्तियों का उपयोग किया है। इस प्रकार दोनों राष्ट्रपतियों की क्षमादान की शक्तियों की तुलना पर प्रश्न पूछा गया है। कथन 1: युक्ति-समसामयिकी पर सूक्ष्म दृष्टि: यदि किसी ये समाचार पढ़ा होगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपना पद छोड़ने से पहले अपनी क्षमादान की शक्तियों का उपयोग कैसे किया, तो उसे यह स्पष्ट हो जाएगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति विवेकाधीन है। इसके अलावा, युक्ति 'अवधारणाओं को समझना और उन्हें अन्य देशों के साथ तुलना करना', का उपयोग करने पर, हम जानते हैं कि भारतीय प्रणाली के अंतर्गत राष्ट्रपति को सभी मामलों में मंत्रियों की परिषद की सिफारिशों का पालन करना होता है, केवल कुछ मामलों को छोड़कर, जैसे कि प्रधानमंत्री को नियुक्त करना, त्रिशंकु लोकसभा आदि। परंतु क्या भारतीय राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति विवेकाधीन है अथवा बाध्यकारी है? इसके लिए हम समसामयिक उदाहरणों की युक्ति का उपयोग कर सकते हैं। हमने निर्भया कांड के दोषियों को फांसी की सजा देने के लिए भारत सरकार के खिलाफ विभिन्न समूहों द्वारा विरोध प्रदर्शन को देखा है। इंदिरा गांधी की हत्या, याकूब मेमन आदि विभिन्न मामलों में दोषियों को फांसी देने के समर्थन और उनके खिलाफ भी इसी तरह की मांग और याचिका दायर की गई थी। ये मामले यह दर्शाते हैं कि मंत्रिपरिषद के माध्यम से राष्ट्रपति को सिफारिशें देकर दोषियों की दया याचिकाओं पर निर्णय लेने में सरकार की भूमिका महत्त्वपूर्ण है। इस प्रकार हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि भारतीय राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्ति विवेकाधीन नहीं है। इसलिए कथन 1 गलत है। इस प्रकार विकल्प (b), (c) और (d) को हटाकर उत्तर विकल्प (a) है। |