Q. Which of the following were the features of the socio-religious reform movements of the 19th century?
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Q. निम्नलिखित में से 19 वीं शताब्दी के सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलनों की विशेषताएं क्या थीं?
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनें:
Explanation:
Statement 1 is correct:
One of the major limitations of these religious reform movements was that they had a narrow social base ,namely the educated and urban middle classes,while the needs of vast masses of peasantry and the urban poor were ignored.
Statement 2 is incorrect:
To reach the masses,propaganda in indian languages was the modus operandi of the reformers who used a variety of media such as novels ,dramas ,poetry,short stories ,the press.
Statement 3 is correct:
The movement emphasised the use of human intellect and reason to weed out the superstitious and irrational belief in society.
व्याख्या:
कथन 1 सही है।
इन धार्मिक सुधार आंदोलनों की एक प्रमुख सीमा यह थी कि उनके पास शिक्षित और शहरी मध्यम वर्ग का एक संकीर्ण सामाजिक आधार था , जबकि इन्होंने किसानों और शहरी गरीबों की विशाल जनसंख्या की जरूरतों को नजरअंदाज कर दिया था।
कथन 2 गलत है।
जन-जन तक पहुँचने के लिए उन्होंने भारतीय भाषाओं में प्रचार के तौर-तरीकों को अपनाया और मीडिया जैसे उपन्यास, नाटक, कविता व लघु कथाओं का भी इस्तेमाल किया।
कथन 3 सही है।
इन आंदोलनों ने मानव बुद्धि और समाज में अंधविश्वास और तर्कहीन विश्वास को खत्म करने पर जोर दिया।