The correct option is C
2 and 3 only
केवल 2 और 3
Explanation:
Statement 1 is correct:The Bardoli Taluk in modern-day Gujarat was hit by floods and famines in 1925, which adversely affected crop yield. This affected the farmers financially. Ignoring the plight of the farmers, the Bombay Presidency increased the tax rates by 22%. Despite petitions and appeals from civic groups and farmers to review this unjust hike in tax rates in lieu of the grave situation, the government decided to go ahead with tax collection. This situation led to the unrest, eventually leading to Satyagraha.
Statement 2 is incorrect: The Hali system, though was prevalent in south Gujarat, was a speciality of Bardoli. This system is based on the tribal agricultural labourers and the high caste landlords, that is, Patidars. Relations between a Hali labourer and the landowner who hired him were the same as those between a serf and his master in medieval feudal society. This system of recruiting agricultural labour had grown out of money-lending practices. The fact of the matter is that the Hali cultivated the lands owned by upper caste people like Patidars, Anavil Brahmins and also Rajputs. And the fact that until 1938 no movement was launched for freeing the agricultural serfs.
Statement 3 is incorrect: The Bardoli Satyagraha of 1928, in the state of Gujarat, India during the period of the British Raj, was a major episode of civil disobedience and revolt in the Indian Independence Movement. The movement was eventually led by Vallabhbhai Patel, and its success gave rise to Patel becoming one of the main leaders of the independence movement. Neither Mahatma Gandhi nor congress were directly involved in the struggle. Kheda satyagraha preceded the Bardoli movement, thus Bardoli satyagraha did not lay the foundations for peasant resistance in Gujarat.
व्याख्या:
कथन 1 सही है: आधुनिक गुजरात का बारदोली तालुक 1925 में बाढ़ और अकाल की चपेट में आ गया था, जिसने फसल की उपज पर प्रतिकूल प्रभाव डाला। इससे किसान आर्थिक रूप से प्रभावित हुए। किसानों की दुर्दशा को नजरअंदाज करते हुए बॉम्बे प्रेसीडेंसी ने कर की दरों में 22% की वृद्धि की। विभिन्न समूहों और किसानों द्वारा कर की दरों में बढ़ोतरी की समीक्षा करने सम्बन्धी याचिकाओं और अपील के बावजूद सरकार ने कर संग्रह करने का फैसला किया। इस स्थिति के कारण अशांति पैदा हुई और अंततः सत्याग्रह प्रारम्भ हुआ।
कथन 2 गलत है: हाली प्रणाली, हालांकि दक्षिण गुजरात में प्रचलित थी, परन्तु, यह बारदोली की विशेषता थी। यह व्यवस्था आदिवासी खेतिहर मजदूरों और उच्च जाति के जमींदारों पर आधारित थी, जिन्हें पाटीदार कहा जाता था। एक हाली मजदूर और ज़मींदार के बीच संबंध वही थे जो मध्यकालीन सामंती समाज में एक ग़ुलाम और उसके मालिक के बीच थे। कृषि श्रमिकों की भर्ती की यह प्रणाली सूद पर पैसे देने वाली प्रथाओं के कारण पैदा हुई थी। हाली मजदूरों ने उच्च जाति के लोगों जैसे कि पाटीदारों, अनाविल ब्राह्मणों और राजपूतों के स्वामित्व वाली भूमि पर खेती की, और 1938 तक उन्हें दासता से मुक्त करने के लिए कोई आंदोलन नहीं किया गया था।
कथन 3 गलत है: 1928 का बारदोली सत्याग्रह, ब्रिटिश राज के दौरान गुजरात में भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में नागरिक अवज्ञा और विद्रोह का एक प्रमुख प्रकरण था। आंदोलन का नेतृत्व वल्लभभाई पटेल ने किया और इसकी सफलता के साथ, पटेल स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक बन गए। न तो महात्मा गांधी और न ही कांग्रेस प्रत्यक्ष रूप से इस संघर्ष में शामिल थे। बारदोली आंदोलन से पहले खेड़ा सत्याग्रह हुआ था, अतः बारदोली सत्याग्रह ने गुजरात में किसान प्रतिरोध की नींव नहीं रखी थी।