The correct option is C
1, 2 and 3 only
केवल 1, 2 और 3
Explanation:
UN Environment Programme (UNEP) member states recently adopted the “Colombo Declaration” which calls for tackling global nitrogen challenge.
Highlights of the declaration:
1. The Colombo Declaration has been developed with the technical support of the International Nitrogen Management System (INMS), a joint activity of the UNEP and the International Nitrogen Initiative supported by the Global Environmental Facility.
2. The aim is to halve nitrogen waste by 2030.
3. A campaign on sustainable nitrogen management called “Nitrogen for Life” is to be launched. It stems from the Sustainable Nitrogen Management Resolution which was adopted during the fourth session of the UN Environment Assembly held from 11 – 15 March 2019 at the UNEP headquarters in Nairobi, Kenya.
4. The Declaration calls upon UN agencies, other international organizations, development partners, philanthropic agencies, academic and civil society organizations to support its implementation.
5. It also urges countries to conduct a comprehensive assessment on nitrogen cycling covering policy, implementation, regulation, and scientific aspects at a national level plus sensitize the citizens to understand the natural nitrogen cycle and how human impacts alter its balance.
6. It is an initiative of the Global Environment facility and other international organisations, so India did not play any role in bringing this declaration.
व्याख्या:
यूएनईपी के सदस्य राज्यों ने हाल ही में "कोलंबो घोषणा" को अपनाया जो वैश्विक नाइट्रोजन चुनौती से निपटने के लिए की गयी है।
घोषणा की मुख्य विशेषताएं:
1. कोलंबो घोषणा को UNEP की एक संयुक्त गतिविधि अंतर्राष्ट्रीय नाइट्रोजन प्रबंधन प्रणाली के तकनीकी समर्थन और वैश्विक पर्यावरण सुविधा द्वारा समर्थित अंतर्राष्ट्रीय नाइट्रोजन पहल के साथ विकसित किया गया है।
2. इसका उद्देश्य 2030 तक नाइट्रोजन अपशिष्ट को आधा करना है।
3. "नाइट्रोजन फॉर लाइफ" नामक स्थायी नाइट्रोजन प्रबंधन पर एक अभियान शुरू किया जाना है। यह सस्टेनेबल नाइट्रोजन मैनेजमेंट रेजोल्यूशन से उपजा है, जिसे केन्या के नैरोबी में UNEP मुख्यालय में 11 - 15 मार्च 2019 से आयोजित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा के चौथे सत्र के दौरान अपनाया गया था।
4. घोषणा संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों, अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, विकास सहयोगियों, परोपकारी एजेंसियों, शैक्षणिक और नागरिक संगठनों को इसके कार्यान्वयन का समर्थन करने के लिए कहती है
5. यह देशों से आग्रह करता है कि वे राष्ट्रीय स्तर पर नीति, कार्यान्वयन, विनियमन और वैज्ञानिक पहलुओं को कवर करने वाले नाइट्रोजन साइकलिंग पर एक व्यापक मूल्यांकन करें प्राकृतिक नाइट्रोजन चक्र को समझने और मानव प्रभाव कैसे इसके संतुलन को बदलते हैं यह समझने के लिए नागरिकों को जागरूक करें।
6. यह वैश्विक पर्यावरण सुविधा और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की एक पहल है, इसलिए भारत ने इस घोषणा को लाने में कोई भूमिका नहीं निभाई।