The correct option is A
2 only
केवल 2
Explanation:
Statement 1 is incorrect: The Finance commission acts as the balancing wheel of fiscal federalism in India. The Finance Commission makes recommendations regarding the distribution of the net proceeds of taxes to be shared between the Centre and the states.
CAG’s duty is to uphold the Constitution of India and laws of Parliament in the field of financial administration. Division of taxes between centre and state is not decided by CAG. So, CAG does not act as the balancing wheel of fiscal federalism in India.
Statement 2 is correct: The CAG submits three audit reports to the President—audit report on appropriation accounts, audit report on finance accounts, and audit report on public undertakings. The President lays these reports before both the Houses of Parliament. After this, the Public Accounts Committee examines them and reports its findings to the Parliament. CAG acts as a guide, friend and philosopher of the Public Accounts Committee of the Parliament.
Statement 3 is incorrect: Audits of certain Public corporations are done exclusively by private professional auditors and the CAG does not come into the picture at all. They submit their annual reports and accounts directly to the Parliament. Examples of such corporations are Life Insurance Corporation of India, Reserve Bank of India, State Bank of India, Food Corporation of India, and others.
व्याख्या:
कथन 1 गलत है: वित्त आयोग भारत में राजकोषीय संघवाद के संतुलनकारी पहिये के रूप में कार्य करता है। वित्त आयोग केंद्र और राज्यों के बीच साझा किए जाने वाले करों की शुद्ध आय के वितरण के बारे में सिफारिशें करता है। CAG का कर्तव्य भारत के संविधान और वित्तीय प्रशासन के क्षेत्र में संसद के कानूनों को बनाए रखना है। केंद्र और राज्य के बीच करों का विभाजन CAG द्वारा तय नहीं किया जाता है।अतः CAG भारत में राजकोषीय संघवाद के संतुलनकारी पहिये के रूप में कार्य नहीं करता है।
कथन 2 सही है: कैग राष्ट्रपति को तीन ऑडिट रिपोर्ट सौंपता है: विनियोग खातों पर ऑडिट रिपोर्ट, वित्त खातों पर ऑडिट रिपोर्ट और सार्वजनिक उपक्रमों पर ऑडिट रिपोर्ट। राष्ट्रपति इन रिपोर्टों को संसद के दोनों सदनों के समक्ष रखवाते हैं। इसके बाद, लोक लेखा समिति इसकी जांच करती है और संसद को जांच की रिपोर्ट देती है। CAG संसद की लोक लेखा समिति के मार्गदर्शक और मित्र के रूप में कार्य करता है।
कथन 3 गलत है: कुछ सार्वजनिक निगमों के ऑडिट विशेष रूप से निजी पेशेवर लेखा परीक्षकों द्वारा किए जाते हैं। ये अपनी वार्षिक रिपोर्ट और लेखा सीधे संसद में प्रस्तुत करते हैं। ऐसे निगमों के उदाहरण हैं- भारतीय जीवन बीमा निगम, भारतीय रिज़र्व बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, भारतीय खाद्य निगम और अन्य।