Q. With reference to ‘Compulsory Licensing’ in India, consider the following statements:
Which of the above statements is/are correct?
Q. भारत में 'अनिवार्य लाइसेंसिंग' के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं
Explanation:
Recently, there were demands from health professionals to issue compulsory licences for the manufacturing of a generic version of Remdesivir which is being used to treat Covid-19 patients.
Statement 1 is incorrect: Compulsory Licensing (CL) allows the government of India (along with many other governments throughout the world as per their local law) to give license to third parties to produce and market a patented product or process without the consent of patent owners.
Statement 2 is correct: The Agreement on Trade-Related Aspects of Intellectual Property Rights of WTO allows compulsory licensing.
Statement 3 is correct: According to Section 92 of the Indian Patent Act 1970, compulsory licenses can also be issued suo moto by the Controller of Patents in pursuant to a notification issued by the Central Government. This is done if there is either a “national emergency” or “extreme urgency” or in cases of “public non-commercial use”.
व्याख्या:
हाल ही में, स्वास्थ्य पेशेवरों द्वारा रेमडेसिवीर के जेनेरिक संस्करण के निर्माण के लिए अनिवार्य लाइसेंस जारी करने की मांग की गई थी, जिसका उपयोग कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए किया जा रहा है।
कथन 1 गलत है: अनिवार्य लाइसेंसिंग (CL) भारत सरकार (दुनिया भर में कई अन्य सरकारों को भी उनके स्थानीय कानून के अनुसार) को पेटेंट मालिक की सहमति के बिना एक पेटेंट उत्पाद का उत्पादन और विपणन या उसकी प्रक्रिया का प्रयोग करने के लिए तीसरे पक्ष को लाइसेंस देने की अनुमति देता है।
कथन 2 सही है: विश्व व्यापार संगठन के बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार-संबंधित पहलुओं पर समझौता अनिवार्य लाइसेंसिंग की अनुमति देता है।
कथन 3 सही है: भारतीय पेटेंट अधिनियम 1970 की धारा 92 के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार पेटेंट नियंत्रक द्वारा स्वतः ही अनिवार्य लाइसेंस जारी किए जा सकते हैं। ऐसा ‘राष्ट्रीय आपातकाल’ या अत्यंत आवश्यकता’ अथवा ‘गैर-व्यावसायिक सार्वजनिक उपयोग’ के मामलों में किया जा सकता है।