Q. With reference to ‘Invasive Alien Species’ (IAS), recently in the news, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. हाल ही में चर्चा में रही 'आक्रामक विदेशी (एलियन) प्रजाति' (IAS) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Explanation:
Recently, a Pune based Botanist, along with a number of environmentalists, retired Forest Department authorities, farmers, green activists and other stakeholders have come together to form a forum called Movement Against Biological Invasions (MABI) – a green movement aimed at systematically charting and rooting out IAS. Invasive alien species (IAS) are species whose introduction and/or spread outside their natural past or present distribution threatens biological diversity.
Statement 1 is correct: Invasive species possess characteristic features like “pioneer species” in varied landscapes, tolerant of a wide range of soil and weather conditions, generalist in distribution, produces copious amounts of seed that disperse easily, grows aggressive root systems, short generation time, high dispersal rates, long flowering and fruiting periods, broad native range, abundant in native range.
Statement 2 is correct: Cotton Mealy Bug (Phenacoccus solenopsis): Native to North America, has severely affected cotton crops in the Deccan region of India.
Statement 3 is incorrect: There are many international and regional binding agreements and voluntary guidelines that include regulations on invasive species. The convention on Biological diversity, Convention on International Trade in Endangered Species of Wild Fauna and Flora (CITES) are few initiatives which have provisions to address invasive alien species (IAS).
व्याख्या:
हाल ही में, पुणे के एक वनस्पतिशास्त्री, कई पर्यावरणविद, वन विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी, किसान, हरित कार्यकर्ता और अन्य हितधारक मूवमेंट अगेंस्ट बायोलॉजिकल इनवेशंस (Movement Against Biological Invasions-MABI) नामक एक मंच बनाने के लिए एकजुट हुए हैं। आक्रामक विदेशी प्रजातियाँ (IAS) ऐसी प्रजातियाँ हैं, जिनके आने से और/या अपने प्राकृतिक पर्यावास या वर्तमान वितरण के बाहर फैलने से जैविक विविधता के लिए खतरा उत्पन्न हो जाता है।
कथन 1 सही है: आक्रामक प्रजातियों में विभिन्न परिदृश्यों में "पुरोगामी प्रजाति" जैसी विशिष्ट विशेषताएं होती हैं। ये मिट्टी और मौसम की एक विस्तृत श्रृंखला के प्रति सहनशील होती हैं, इनका वितरण सामान्य होता है, आसानी से फैलने वाले प्रचुर मात्रा में बीज उत्पन्न करती हैं, आक्रामक जड़ प्रणाली के विकसित होती हैं, छोटी उत्पादन अवधि होती है, उच्च प्रसार दर, फूलने और फलने की लंबी अवधि के साथ व्यापक देशी क्षेत्र में पायी जाती हैं।
कथन 2 सही है: उत्तरी अमेरिका की मूल प्रजाति कॉटन मिलीबग (फेनाकोकस सोलेनोप्सिस) ने भारत के दक्कन क्षेत्र में कपास की फसलों को बुरी तरह प्रभावित किया है।
कथन 3 गलत है: कई अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय बाध्यकारी समझौते और स्वैच्छिक दिशानिर्देश मौजूद हैं जिनमें आक्रामक प्रजातियों पर नियम शामिल हैं। जैविक विविधता पर अभिसमय, वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर सम्मेलन (CITES) कुछ पहलें हैं जिनमें आक्रामक विदेशी प्रजातियों (IAS) से संबंधित समस्या के समाधान के प्रावधान हैं।