Q. With reference to jute, recently in the news, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are incorrect?
Q. हाल ही में चर्चा में रहे जूट के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से गलत है/हैं?
Explanation: Recently, the Cabinet Committee on Economic Affairs chaired by the Prime Minister, has approved reservation norms for mandatory use of jute in packaging for the Jute Year 2021 -22. The norms approved for Jute Year 2021-22 provide for 100% reservation of the foodgrains and 20% of sugar to be compulsorily packed in jute bags.
Statement 1 is incorrect: India and not Bangladesh is the largest producer of jute in the world.
Statement 2 is incorrect: The Cabinet Committee on Economic Affairs chaired by the Prime Minister of India (the Central Government) has approved Mandatory packaging norms for Jute Year 2021-22 (1st July, 2021 to 30th June, 2022). Under these norms, compulsory packaging of 100% food grains and 20% (not 100%) sugar in jute bags is mandatory. Mandatory packaging norms are done under the provisions of the Jute Packaging Materials Act of 1987. As per the Jute Packaging Materials Act, 1987, the Centre may direct that a specified percentage of certain commodities be compulsorily packed in jute bags. The Act itself does not specify the commodity or the percentage.
Statement 3 is correct: Raw Jute is included in the MSP (Minimum Support Price) regime.
व्याख्या: हाल ही में, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने जूट वर्ष 2021-22 के लिए पैकिंग में जूट के अनिवार्य उपयोग के लिए आरक्षण मानदंडों को मंजूरी दी है। जूट वर्ष 2021-22 के लिए अनुमोदित मानक शत-प्रतिशत खाद्यान्नों और 20% चीनी को जूट की बोरियों में अनिवार्य रूप से पैकिंग करने का प्रावधान करते हैं।
कथन 1 गलत है: भारत दुनिया में जूट का सबसे बड़ा उत्पादक है, न कि बांग्लादेश।
कथन 2 गलत है: भारत के प्रधानमंत्री (केंद्र सरकार) की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने जूट वर्ष 2021-22 (1 जुलाई, 2021 से 30 जून, 2022) के लिए अनिवार्य पैकिंग मानकों को मंजूरी दे दी है। इन मानकों के तहत, 100% खाद्यान्न और 20% (100% नहीं) चीनी को जूट की बोरियों में पैक किए जाने को अनिवार्य कर दिया गया है। जूट पैकिंग सामग्री अधिनियम 1987 के तहत अनिवार्य पैकिंग मानकों का प्रावधान किया गया है। जूट पैकिंग सामग्री अधिनियम, 1987 के अनुसार, केंद्र यह निर्देश दे सकता है कि कुछ वस्तुओं का एक निर्दिष्ट प्रतिशत अनिवार्य रूप से जूट की बोरियों में पैक किया जाए। अधिनियम स्वयं वस्तु या प्रतिशत निर्दिष्ट नहीं करता है।
कथन 3 सही है: कच्चा जूट न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) व्यवस्था में शामिल है।