Q. With reference to ‘Mohiniyattam’, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. 'मोहिनीअट्टम' के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
A
1 and 2 only
केवल 1 और 2
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B
3 only
केवल 3
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C
1 and 3 only
केवल 1 और 3
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D
2 only
केवल 2
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Solution
The correct option is B
3 only
केवल 3 Explanation:
Mohiniyattam is essentially a solo dance performance by women that was further developed by Vadivelu in the 19th century and gained prominence under the rulers of Travancore in the present state of Kerala.
Statement 1 is incorrect: Mohiniyattam is a classical dance (which originated from the Natya Shastra) from the state of Kerala.
Statement 2 is incorrect: The tribhanga posture, i.e., the three-banded form of the body, is mainly a component of the Odissi dance form. Though there is no direct reference to Tribhanga in Mohiniyattam, it is not exclusive to it since it is also seen in Odissi.
Statement 3 is correct: Mohiniyattam combines the grace and elegance of Bharatnatyam with the vigour of Kathakali. There is a marked absence of thumping footsteps and the footwork is gentle. Mohiniyattam generally narrates the story of the feminine dance of Vishnu. The Lasya aspect (beauty and grace) of dance is dominant in a Mohiniyattam recital.
व्याख्या:
मोहिनीअट्टम वास्तव में महिलाओं द्वारा किया जाने वाला एकल नृत्य है जिसे 19वीं शताब्दी में वाडिवेलु द्वारा विकसित/सृजित किया गया था और वर्तमान केरल राज्य में त्रावणकोर के शासकों के काल में इसे प्रसिद्धि मिली।
कथन 1 गलत है: मोहिनीअट्टम(जिसकी उत्पत्ति नाट्य शास्त्र से हुई है) केरल राज्य का एक शास्त्रीय नृत्य है ।
कथन 2 गलत है:त्रिभंग मुद्रा, यानी शरीर का तीन-बंधी रूप (three-banded form - शरीर के तीन अंग तीन दिशाओं में होते हैं), मुख्य रूप से ओडिसी नृत्य शैली का एक घटक है। यद्यपि मोहिनीअट्टम में त्रिभंग का कोई सीधा संदर्भ नहीं है, इसलिए यह इसके लिए विशिष्ट नहीं है क्योंकि यह ओडिसी में भी देखा जाता है।
कथन 3 सही है: मोहिनीअट्टम, भरतनाट्यम की शोभा और भव्यता को कथकली के ओज के साथ जोड़ती है। इसमें पैरों का थिरकना कम होता है और क़दमों का उपयोग धीरे होता है। मोहिनीअट्टम आमतौर पर विष्णु के स्त्री नृत्य की कहानी है। मोहिनीअट्टम गायन में नृत्य का लास्य पहलू (सौंदर्य और विनीत भाव) प्रमुख है।