wiz-icon
MyQuestionIcon
MyQuestionIcon
1
You visited us 1 times! Enjoying our articles? Unlock Full Access!
Question

Q. With reference to Narrowband-Internet of Things (NB-IoT) which was in the news recently, consider the following statements:

Which of the statements given above is/are correct?

Q. हाल ही में चर्चा में रहे नैरोबैंड-इंटरनेट ऑफ थिंग्स (NB-IoT) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?

A

1 only
केवल 1
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
B

2 and 3 only
केवल 2 और 3
Right on! Give the BNAT exam to get a 100% scholarship for BYJUS courses
C

1 and 3 only
केवल 1 और 3
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
D

1, 2 and 3
1, 2 और 3
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
Open in App
Solution

The correct option is B
2 and 3 only
केवल 2 और 3
Explanation:

BSNL launched satellite-based internet of things (IoT) device service that can be used across India where mobile towers are not present, including the seas within the country's jurisdiction. It is the world's first satellite-based Narrowband-IoT network.

Figure: IoT design targets

Statement 1 is incorrect: NarrowBand-Internet of Things (NB-IoT) is a standards-based low power wide area (LPWA) technology developed to enable a wide range of new IoT devices and services.

Statement 2 is correct: NB-IoT significantly improves the power consumption of user devices, system capacity and spectrum efficiency, especially in deep coverage areas. NB-IoT provides long range communication which allows upto 10 years battery life and helps organisations to connect with a wide range of assets.

Statement 3 is correct: NB-IoT employs the same design principles as used in Long-Term Evolution (LTE) technology, although it uses a separate new carrier, new channels, and random access procedures to meet the target requirements of IoT use cases – such as improved coverage, lower battery consumption and operation in narrow spectrum. Constructing NB-IoT in this way takes advantage of LTE’s well-established global reach, economies of scale, and industry-led ecosystem.

व्याख्या:

BSNL ने सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) उपकरण सेवा की शुरुआत की है, जिसका उपयोग पूरे भारत में किया जा सकता है, जहां मोबाइल टावर मौजूद नहीं हैं, जिनमें देश के अधिकार क्षेत्र में आने वाले समुद्री क्षेत्र भी शामिल हैं। यह दुनिया का पहला उपग्रह-आधारित नैरोबैंड-इंटरनेट ऑफ थिंग्स नेटवर्क है।

चित्र: IoT डिजाइन योजना

कथन 1 गलत है: नैरोबैंड-इंटरनेट ऑफ थिंग्स (NB-IoT) एक मानक-आधारित निम्न क्षमता व्यापक क्षेत्र (low power wide area) तकनीक है, जिसे नए इंटरनेट ऑफ थिंग्स उपकरणों और सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला को सक्षम करने के लिए विकसित किया गया है।

कथन 2 सही है: विशेष रूप से सुदूर क्षेत्रों में, NB-IoT उपयोगकर्ता उपकरणों द्वारा विद्युत की खपत, प्रणाली क्षमता और स्पेक्ट्रम दक्षता में काफी सुधार करता है। NB-IoT लंबी दूरी के संचार माध्यम प्रदान करता है जो बैटरी के जीवनकाल को 10 साल तक बढ़ा देता है और संगठनों को उपकरणों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ जुड़ने में मदद करता है।

कथन 3 सही है: NB-IoT में उसी डिजाइन सिद्धांतों का प्रयोग किया गया है जिसका उपयोग दीर्घकालिक विकास (LTE) तकनीक में किया जाता है, हालाँकि इंटरनेट ऑफ थिंग्स के उपयोग के लिए नियोजित आवश्यकताओं जैसे बेहतर कवरेज, बैटरी की कम खपत, और संकीर्ण स्पेक्ट्रम में संचालन, को पूरा करने हेतु इसमें एक अलग वाहक, नए चैनल और यादृच्छिक अभिगम प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है। इस तरह से NB-IoT का निर्माण LTE के लिए अच्छी तरह से स्थापित वैश्विक पहुंच, पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं और उद्योग के नेतृत्व वाले पारिस्थितिकी तंत्र का लाभ उठाता है।

flag
Suggest Corrections
thumbs-up
0
similar_icon
Similar questions
View More
Join BYJU'S Learning Program
similar_icon
Related Videos
thumbnail
lock
Doppler's Effect
PHYSICS
Watch in App
Join BYJU'S Learning Program
CrossIcon