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Question

Q. With reference to national emergency in the Indian constitution, consider the following statements:

Which of the above statements is/are correct?

Q. भारतीय संविधान में दिए गए राष्ट्रीय आपातकाल के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?


A

1 and 2 only
केवल 1 और 2
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B

2 only
केवल 2
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C

3 and 4 only
केवल 3 और 4
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D

1, 3 and 4 only
केवल 1, 3 और 4
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Solution

The correct option is B
2 only
केवल 2

Explanation: National emergency is proclaimed by the President of India when the security of the whole India or a part of it is threatened by war or external aggression or armed rebellion.

Statement 1 is incorrect: The President can proclaim a national emergency only after receiving a written recommendation from the cabinet. Mere oral advice of the Prime Minister is not enough to declare a national emergency. This means that the emergency can be declared only on the concurrence of the cabinet and not merely on the advice of the prime minister.

Statement 2 is correct: The revocation of national emergency can be done in two ways.

  • Proclamation of emergency may be revoked by the President at any time by a subsequent proclamation. Such a proclamation does not require parliamentary approval.
  • The President must revoke a proclamation if the Lok Sabha passes a resolution disapproving its continuation. This safeguard was introduced by the 44th Amendment Act of 1978.

Before the amendment, a proclamation could be revoked by the President on his own and the Lok Sabha had no control in this regard. Thus, this safeguards shows that the revocation of national emergency is simpler than its proclamation.

Statement 3 is incorrect: According to Article 358, when a proclamation of national emergency is made, only the six Fundamental Rights under Article 19 are automatically suspended. Other fundamental rights require presidential order for its suspension. However, the six Fundamental Rights under Article 19 can be suspended only when the National Emergency is declared on the ground of war or external aggression and not on the ground of armed rebellion. This was included through the 44th constitutional amendment act.

Statement 4 is incorrect: Only those laws which are related to the Emergency are protected from being challenged and not other laws. The executive action taken only under such a law is protected.

व्याख्या: राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा भारत के राष्ट्रपति द्वारा उस स्थिति में की जाती है जब युद्ध, बाह्य आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के कारण संपूर्ण भारत या इसके किसी हिस्से की सुरक्षा खतरें में होती है।

कथन 1 गलत है: मंत्रिमंडल से लिखित सिफारिश प्राप्त करने के बाद ही राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर सकते हैं। प्रधानमंत्री की केवल मौखिक सलाह ही राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने के लिए पर्याप्त नहीं है। इसका मतलब यह है कि आपातकाल केवल मंत्रिमंडल की सहमति पर ही घोषित किया जा सकता है, न कि केवल प्रधानमंत्री की सलाह पर।

कथन 2 सही है: राष्ट्रीय आपातकाल का निरसन दो तरह से किया जा सकता है।

  • राष्ट्रपति द्वारा किसी भी समय एक अन्य उद्घोषणा द्वारा आपातकाल की घोषणा को समाप्त किया जा सकता है। इस तरह की उद्घोषणा के लिए संसदीय अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होती है।
  • राष्ट्रपति के लिये ऐसी उद्घोषणा को समाप्त कर देना आवश्यक होता है , अगर लोकसभा इसे जारी रखने को एक प्रस्ताव पारित कर नामंजूर कर देती है । यह सुरक्षा कवच 1978 के 44 वें संशोधन अधिनियम द्वारा लाया गया था।

इस संशोधन से पहले, उद्घोषणा को राष्ट्रपति द्वारा स्वयं रद्द किया जा सकता था और लोकसभा का इस संबंध में कोई नियंत्रण नहीं था। इस प्रकार, इन सुरक्षा उपायों से पता चलता है कि राष्ट्रीय आपातकाल की उद्घोषणा का निरसन इसकी उद्घोषणा की तुलना में सरल है।

कथन 3 गलत है: अनुच्छेद 358 के अनुसार, जब राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा की जाती है, तो अनुच्छेद 19 के तहत केवल 6 मौलिक अधिकार स्वतः निलंबित हो जाते हैं। अन्य मौलिक अधिकारों के निलंबन के लिए राष्ट्रपति के आदेश की आवश्यकता होती है। हालाँकि, अनुच्छेद 19 के तहत 6 मौलिक अधिकारों को केवल तभी निलंबित किया जा सकता है, जब राष्ट्रीय आपातकाल युद्ध या बाह्य आक्रमण के आधार पर घोषित किया जाता है, न कि सशस्त्र विद्रोह के आधार पर। इसे 44वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम के माध्यम से शामिल किया गया था।

कथन 4 गलत है: केवल वे कानून जो आपातकाल से संबंधित हैं, न्यायिक समीक्षा से सुरक्षित हैं जबकि अन्य कानूनों को चुनौती दी जा सकती है। केवल ऐसे कानून के तहत की गई कार्यकारी कार्रवाई संरक्षित है।


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