Q. With reference to science and technology during ancient India, consider the following statements:
Which of the statements given above are correct?
Q. प्राचीन भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन से सही हैं?
Explanation:
Ancient Indians made immense contributions to Science and Technology. The following are some of the facts related to the development of science and technology in ancient India:
Statement 1 is correct: Vaisheshika is one of the six schools of Indian philosophy from ancient India. It postulated that all objects in the physical universe are reducible to paramaṇu (atoms) and one's experiences are derived from the interplay of substance, quality, activity, commonness, particularity and inherence. Thus, it elaborated the atomic theory.
Statement 2 is correct: Brahamagupta mentioned the theory of gravitation by declaring that, ‘All things fall on the Earth by the law of nature’ and it is the nature of the Earth that attracts the things. This was later validated by Newton.
Statement 3 is correct: Sushruta Samhita of Sushruta elaborated on various kinds of diseases and operations with anesthesia, surgical treatment, cataract, rhinoplasty, etc.
व्याख्या:
प्राचीन भारतीयों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में काफी योगदान दिया। प्राचीन भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास से संबंधित कुछ तथ्य निम्नलिखित हैं:
कथन 1 सही है: वैशेषिक प्राचीन भारत के भारतीय दर्शन के छह सिद्धांतों में से एक है। इसने यह प्रमाणित किया कि भौतिक ब्रह्मांड में सभी वस्तुओं का मूल रूप परमाणु (Atom) है और इसके साक्ष्य पदार्थ, गुणवत्ता, गतिविधि, सामान्यता, विशिष्टता और अंतर्निहित गुणों की परस्पर क्रिया से प्राप्त होते हैं। इस प्रकार, इसने परमाणु सिद्धांत का वर्णन किया।
कथन 2 सही है: ब्रह्मगुप्त ने गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत का उल्लेख करते हुए यह घोषित किया कि ‘सभी वस्तुएँ प्रकृति के नियमानुसार पृथ्वी पर गिरती हैं’ और यह पृथ्वी की प्रकृति है कि वह वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करती है। इसे बाद में न्यूटन द्वारा सत्यापित किया गया।
कथन 3 सही है: सुश्रुत द्वारा रचित सुश्रुत संहिता में विभिन्न प्रकार के रोगों और संवेदनाहरण (Anesthesia) का उपयोग कर विभिन्न प्रकार की शल्य चिकित्सा, मोतियाबिंद, नासिकासंधान (Rhinoplasty) आदि का विस्तृत विवरण है।