Q. With reference to Sufism in India, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. भारत में सूफीवाद के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
ऊपर दिए गए कथनों में कौन सा/से सही है/हैं?
Explanation
Sufism:
Statement 1 is incorrect: Be-shari’a sufi did not comply with Sharia. Ba-shari‘a sufis complied with sufism. Some mystics initiated the movements based on the radical interpretation of Sufism. They observed extreme forms of ascetism like mendicancy,scorning the khanqah. Such mystics often referred to Be-shari'a as they did not comply with Shari’a. They are also known by different names such as Qalandars, Madaris, Malangs and Haidaris.
Statement 2 is correct: Sufism highlighted the importance of pir or guru for spiritual development. According to Sufism, one must have the guidance of a pir or guru, without which spiritual development is impossible.
Statement 3 is correct : Ideas emphasised by Sufism are meditation, good actions, repentance for sins, performance of prayers and pilgrimages, fasting, charity and suppression of passions by ascetic practices.
व्याख्या:
सूफीवाद:
कथन 1 गलत है: बे-शरीया सूफी शरीयत का पालन नहीं करते थे।बा-शरीया सूफी सूफीवाद का पालन करते थे।कुछ रहस्यवादियों ने सूफीवाद की परिवर्तवादी व्याख्या के आधार पर आंदोलन शुरू किया।उन्होंने तपस्या के चरम रूप को मुफलिसी के रूप में देखा।खानकाह को उन्होंने नाकारा।इन रहस्यवादियों को बे-शरिया कहा जाता था जो शरीयत का पालन नहीं करते थे।उन्हें अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है जैसे कि कलंदर, मदारी, मलंग और हैदरी।
कथन 2 सही है: आध्यात्मिक विकास के लिए सूफीवाद ने पीर या गुरु के महत्व पर प्रकाश डाला।सूफीवाद के अनुसार, पीर या गुरु के मार्गदर्शन के बिना आध्यात्मिक विकास असंभव है।
कथन 3 सही है: सूफीवाद द्वारा जिन विचारों पर जोर दिया गया,वे हैं ध्यान, अच्छे कार्य, पापों के लिए पश्चाताप, प्रार्थना, तीर्थयात्रा, उपवास,दान,तप तथा साधना द्वारा लालसा का दमन।