Q. With reference to the Bombay Plan, consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. बॉम्बे योजना के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Explanation:
Bombay Plan (1944): Eight industrialists of Bombay, including Mr. JRD Tata, GD Birla, Purshottamdas Thakurdas and others, prepared “A Brief Memorandum Outlining a Plan of Economic Development for India”. This was popularly known as the Bombay Plan. It envisaged doubling the per capita income in 15 years and tripling the national income during this period.
Statement 1 is correct: A key principle of the Bombay Plan was that the economy could not grow without government intervention and regulation. It aimed at agricultural restructuring through the abolition of the Zamindari system, the development of essential and consumer goods and small, medium and cottage industries.
Statement 2 is correct: The plan emphasized industrialization in order to reduce the hardships of the population due to inflation. Large-scale measures for social welfare were favoured by these plans, which suggested focusing on issues like right to work and full employment, the guarantee of a minimum wage, greater state expenditure on housing, water and sanitation, free education.
व्याख्या:
बॉम्बे योजना (1944): जेआरडी टाटा, जी.डी. बिड़ला, पुरुषोत्तमदास ठाकुरदास और अन्य सहित बॉम्बे के आठ उद्योगपतियों ने “भारत के लिए आर्थिक विकास की योजना की रूपरेखा तैयार करने वाला एक संक्षिप्त ज्ञापन” तैयार किया। इसे लोकप्रिय रूप से बॉम्बे योजना के रूप में जाना गया। इसमें 15 वर्षों में प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने और इस अवधि के दौरान राष्ट्रीय आय को तीन गुना करने की परिकल्पना की गई।
कथन 1 सही है: बॉम्बे योजना का एक प्रमुख सिद्धांत यह था कि सरकार के हस्तक्षेप और विनियमन के बिना अर्थव्यवस्था विकसित नहीं हो सकती थी। इसका उद्देश्य जमींदारी प्रथा को समाप्त करके कृषि का पुनर्गठन, आवश्यक एवं उपभोक्ता वस्तुओं तथा लघु, मध्यम एवं कुटीर उद्योगों का विकास करना था।
कथन 2 सही है: इस योजना में मुद्रास्फीति के कारण लोगों की कठिनाइयों को कम करने के लिए औद्योगीकरण पर जोर दिया गया था। इन योजनाओं ने सामाजिक कल्याण के लिए बड़े पैमाने पर उपायों का समर्थन किया, जिसमें काम का अधिकार और पूर्ण रोजगार, न्यूनतम मजदूरी की गारंटी, आवास, पानी और स्वच्छता पर अधिक राज्य व्यय, निःशुल्क शिक्षा जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया गया था।