The correct option is B
2, 3 and 4 only
केवल 2, 3 और 4
Explanation:
Recently the Palghar(Maharashtra) administration has asked authorities to remain alert against a possible spread of the Congo fever.
Statement 1 is incorrect: Congo fever was first discovered in Crimea in 1944 and was named Crimean hemorrhagic fever. Later in 1969, scientists discovered that the pathogen responsible for causing Crimean hemorrhagic fever and the one that caused illness in Congo in 1956 was the same. Hence, the name changed to Crimean-Congo Haemorrhagic Fever (CCHF) or Congo fever.
Statement 2 is correct: The congo fever is a widespread disease caused by a tick-borne virus (Nairovirus) of the Bunyaviridae family. The virus is transmitted through the bite of Hyalomma tick, an external parasite, living by feeding on the blood of mammals, birds etc.
Statement 3 is correct: Human-to-human transmission can occur resulting from close contact with the blood, secretions, organs or other bodily fluids of infected persons. Hospital-acquired infections can also occur due to improper sterilisation of medical equipment, reuse of needles and contamination of medical supplies.
Statement 4 is correct: General supportive care with treatment of symptoms is the main approach to managing CCHF in people. The antiviral drug ribavirin has been used to treat CCHF infection with apparent benefit. There are no vaccines available for human or animal use.
व्याख्या:
हाल ही में पालघर (महाराष्ट्र) प्रशासन ने अधिकारियों को कांगो ज्वर के संभावित प्रसार के खिलाफ सतर्क रहने के लिए कहा है।
कथन 1 गलत है: कांगो ज्वर की पहचान पहली बार 1944 में क्रीमिया में की गई थी और इसे क्रीमियन रक्तस्रावी ज्वर का नाम दिया गया था। बाद में 1969 में, वैज्ञानिकों ने देखा कि क्रीमियन रक्तस्रावी ज्वर और 1956 में कांगो में फैली बीमारी के लिए एक ही रोगजनक जिम्मेदार था। इसलिए, इसका नाम बदलकर क्रीमियन-कांगो रक्तस्रावी ज्वर (Crimean-Congo Haemorrhagic Fever-CCHF) या कांगो ज्वर कर दिया गया।
कथन 2 सही है: कांगो ज्वर व्यापक रूप से प्रसारित होने वाली बीमारी है जो बनिएरिडी परिवार ( Bunyaviridae family) के टिक-जनित विषाणु (नैरोवायरस-Nairovirus) से होती है। यह विषाणु ह्यालोमा टिक के काटने से फैलता है, जो एक बाह्य परजीवी और स्तनधारियों, पक्षियों, आदि के रक्त पर जीवित रहता है।
कथन 3 सही है: मानव-से-मानव संचरण संक्रमित व्यक्तियों के रक्त, स्राव, अंगों या अन्य शारीरिक तरल पदार्थों के निकट संपर्क के परिणामस्वरूप हो सकता है। चिकित्सा उपकरणों के अनुचित कीटाणुशोधन (sterlization), सुइयों के पुन: उपयोग और चिकित्सा आपूर्ति के संदूषण के कारण अस्पताल-उपार्जित संक्रमण भी हो सकता है।
कथन 4 सही है: लोगों में CCHF के ईलाज हेतु मुख्य दृष्टिकोण लक्षणों के उपचार के साथ-साथ सामान्य सहायक देखभाल करना है। विषाणुरोधी दवा रिबाविरिन का उपयोग प्रत्यक्ष लाभ के साथ CCHF संक्रमण के उपचार के लिए किया जाता है। मानव या पशु उपयोग के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं हैं।