Q. With reference to the election of members to the Rajya Sabha, which one of the following statements is incorrect?
Q. राज्य सभा के सदस्यों के चुनाव के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा गलत है?
Explanation:
Option (a) is correct: The election of members to the Rajya Sabha is held in accordance with the system of proportional representation by means of single transferable vote.
Option (b) is incorrect: The representatives of states to the Rajya Sabha are elected by the elected (not all) members of state legislative assemblies (MLAs).
Option (c) is correct: In order to check cross-voting and corruption, the Rajya Sabha elections have adopted a system of ‘open-ballot’. Under this system, each MLA belonging to a political party has to show his/her marked ballot to the party’s authorised agent before putting it in the ballot box.
Option (d) is correct: Independent candidates are barred from showing their ballots to anyone under the system of ‘open-ballot’.
Additional Information:
The ‘open ballot’ system for election to the Rajya Sabha comes under Rule 39AA of the Conduct of Election Rules of 1961. The five-judge Constitution Bench of the Supreme Court in the Kuldip Nayar case (2006) upheld the open ballot system.
व्याख्या:
विकल्प (a) सही है: राज्यसभा के सदस्यों का चुनाव एकल हस्तांतरणीय वोट के माध्यम से आनुपातिक प्रतिनिधित्व की प्रणाली के अनुसार होता है।
विकल्प (b) गलत है: राज्यसभा के लिए राज्यों के प्रतिनिधि राज्य विधानसभाओं (विधायकों) के निर्वाचित (सभी नहीं) सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं।
विकल्प (c) सही है: क्रॉस-वोटिंग और भ्रष्टाचार की जांच करने के लिए राज्यसभा चुनाव ने 'ओपन-बैलेट' की प्रणाली को अपनाया है। इस प्रणाली के तहत, एक राजनैतिक दल से संबंधित प्रत्येक विधायक को अपना मतपत्र मतपेटी में डालने से पहले पार्टी के अधिकृत एजेंट को दिखाना होता है।
विकल्प (d) सही है: निर्दलीय उम्मीदवारों को 'ओपन-बैलेट' की प्रणाली के तहत किसी को भी अपना मतपत्र दिखाने से प्रतिबंधित किया गया है।
अतिरिक्त जानकारी:
राज्यसभा चुनाव के लिए ओपन बैलेट प्रणाली, निर्वाचन का संचालन नियम, 1961 के नियम 39AA के तहत प्रारंभ की गई है। कुलदीप नायर मामले (2006) में उच्चतम न्यायालय की पाँच न्यायाधीशों की संवैधानिक खंडपीठ ने ओपन बैलेट प्रणाली को सही ठहराया।