Q. With reference to the Government of India Act, 1919, consider the following statements:
Which of the above given statements are correct?
Q. भारत सरकार अधिनियम, 1919 के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
ऊपर दिए गए कथनों में से कौन से सही हैं?
The Government of India Act 1919 was an act of the British Parliament that sought to increase the participation of Indians in the administration of their country. The act was based on the recommendations of a report by Edwin Montagu, the then Secretary of State for India, and Lord Chelmsford, India’s Viceroy between 1916 and 1921. Hence, the constitutional reforms set forth by this act are known as Montagu-Chelmsford reforms or Montford reforms.
Statement 1 is incorrect: The Government of India Act 1919 relaxed Central control over the provinces by demarcating and separating the central and provincial subjects. The central and provincial legislatures were authorised to make laws on their respective list of subjects. However, the structure of the government continued to be centralised and unitary.
Statement 2 is correct: The Governor was the executive head of the province. The governor was in charge of the reserved list along with his executive councillors. The governor’s assent was required to pass any bill. He also had veto power and could issue ordinances also. At the Central level, the chief executive authority was the Governor-General. He could also issue ordinances.
Statement 3 is correct: The Government of India Act 1919 provided increased power to the provinces regarding budget. It separated, for the first time, the provincial budget from the central budget and authorised the provincial legislatures to enact their Budgets.
Statement 4 is correct: The Governor General was a very powerful figure at the Centre. One of the major drawbacks of the Act was that the Legislature had no control over the Governor General at the Centre-
He could also certify bills that were rejected by the central legislature.
भारत सरकार अधिनियम 1919, ब्रिटिश संसद द्वारा पारित एक अधिनियम था जिसमें भारत के प्रशासन में भारतीयों की भागीदारी बढ़ाने की मांग की गई थी। यह अधिनियम, 1916 और 1921 के बीच भारत के तत्कालीन वायसराय, लॉर्ड चेम्सफोर्ड, भारत के तत्कालीन सचिव एडविन मोंटेगू की एक रिपोर्ट की सिफारिशों पर आधारित था। इसलिए इस अधिनियम द्वारा निर्धारित संवैधानिक सुधारों को मोंटेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार या मोंटफोर्ड सुधार के रूप में जाना जाता है।
कथन 1 गलत है:
अधिनियम ने केंद्रीय और प्रांतीय विषयों को सीमांकित और अलग करके प्रांतों पर केंद्रीय नियंत्रण को शिथिल कर दिया। केंद्रीय और प्रांतीय विधानसभाओं को उनके संबंधित विषयों की सूची बनाने के लिए अधिकृत किया गया। हालांकि ,सरकार की संरचना , केंद्रीकृत और एकात्मक बनी रही ।
कथन 2 सही है:
गवर्नर, प्रांत का कार्यकारी प्रमुख होता था। राज्यपाल अपने कार्यकारी पार्षदों के साथ-साथ आरक्षित सूची का प्रभारी था। इस सूची के अंतर्गत आने वाले विषय, कानून और व्यवस्था, सिंचाई, वित्त, भू-राजस्व आदि थे। किसी भी विधेयक को पारित करने हेतु राज्यपाल की सहमति आवश्यक होती थी। उसके पास वीटो पावर भी था और वह अध्यादेश भी जारी कर सकता था।केंद्रीय स्तर पर, मुख्य कार्यकारी अधिकारी गवर्नर-जनरल था। वे अध्यादेश जारी कर सकते थे।
कथन 3 सही है:
भारत सरकार अधिनियम ,1919 ने बजट के संबंध में प्रांतों को शक्ति प्रदान की।
पहली बार केंद्रीय बजट से प्रांतीय बजट को अलग किया गया और प्रांतीय विधानमंडलों को अपने बजट को अधिनियमित करने के लिए अधिकृत किया गया।
कथन 4 सही है:
गवर्नर जनरल केंद्र में एक बहुत शक्तिशाली व्यक्ति होता था। अधिनियम में एक बड़ी कमी यह थी कि केंद्र में गवर्नर जनरल पर विधानमंडल का कोई नियंत्रण नहीं था।
वह केंद्रीय विधायिका द्वारा अस्वीकार किए गए बिलों को भी अनुमोदित कर सकता था