Q. With reference to the National Investigation Agency (NIA), consider the following statements:
Which of the statements given above is/are correct?
Q. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Explanation:
The National Investigation Agency (NIA) was constituted in 2009 under the provisions of the National Investigation Agency Act, 2008 (NIA Act). It is the central counter-terrorism law enforcement agency in the country.
Statement 1 is incorrect: The NIA was established after the Mumbai terrorist attack in 2008. The state government can investigate the scheduled offense mentioned under the NIA Act. It has been provided under section 10 of the NIA Act, 2008.
Statement 2 is incorrect: The National Investigation Agency in March 2017 submitted to the High Court of Karnataka that it could take up a suo motu investigation of a case if there is a threat to the unity, integrity and security of the country. If the Central Government (not the Parliament) is of the opinion that a Scheduled Offence has been committed which is required to be investigated under this Act, it may, suo motu, direct the Agency to investigate the said offence
Statement 3 is correct: The 2019 NIA Amendment Act expanded the type of offenses that the investigative body could investigate and prosecute. The agency can now investigate offences related to human trafficking, counterfeit currency, manufacture or sale of prohibited arms, cyber-terrorism, and offences under the Explosive Substances Act, 1908.
व्याख्या:
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) का गठन 2009 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम, 2008 (NIA अधिनियम) के प्रावधानों के तहत किया गया था। यह देश में केंद्रीय आतंकवाद विरोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी है।
कथन 1 गलत है: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की स्थापना 2008 में मुंबई आतंकवादी हमले के बाद हुई थी। राज्य सरकार NIA अधिनियम के तहत उल्लिखित अनुसूचित अपराध की जांच कर सकती है। यह अधिकार NIA अधिनियम, 2008 की धारा 10 के तहत प्रदान किया गया है।
कथन 2 गलत है: मार्च 2017 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने कर्नाटक उच्च न्यायालय को बताया कि अगर देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा है तो वह किसी मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए जांच कर सकती है । यदि केंद्र सरकार (संसद नहीं) की यह राय है कि एक अनुसूचित अपराध किया गया है जिसकी इस अधिनियम के तहत जांच की जानी आवश्यक है, तो वह स्वतः संज्ञान के आधार पर एजेंसी को उक्त अपराध की जांच करने का निर्देश दे सकती है।
कथन 3 सही है: 2019 के NIA संशोधन अधिनियम ने उन अपराधों के प्रकार का विस्तार किया जिनकी यह संस्था जांच कर सकती है और मुकदमा चला सकती है। यह एजेंसी अब मानव तस्करी, जाली मुद्रा, प्रतिबंधित हथियारों के निर्माण या बिक्री, साइबर आतंकवाद और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 के तहत अपराधों की जांच कर सकती है।