Q. With reference to the Outer Space Treaty, consider the following statements:
Which of the above mentioned statements is/are correct?
Q. बाह्य अंतरिक्ष संधि के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
A
1 only
केवल 1
Right on! Give the BNAT exam to get a 100% scholarship for BYJUS courses
B
1 and 2 only
केवल 1 और 2
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
C
2 and 3 only
केवल 2 और 3
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
D
3 only
केवल 3
No worries! We‘ve got your back. Try BYJU‘S free classes today!
Open in App
Solution
The correct option is A
1 only
केवल 1 Explanation:
The Outer Space Treaty entered into force in October 1967. The exploration and use of outer space shall be carried out in the interests of all the countries. Outer space shall be free for exploration and use by all States. Space and celestial bodies are exempted from national claims of ownership.
Statement 1 is correct: The Outer Space Treaty prohibits nuclear weapons or other weapons of mass destruction on celestial bodies or Outer Space.
Statement 2 is incorrect: India is a signatory to this treaty and has ratified it in 1982.
Statement 3 is incorrect: The treaty would not apply to Anti-Satellite Weapons (ASATs), since they only travel through space and are not placed there. Additionally, ASATs are neither nuclear weapons nor any other weapons of mass destruction.
व्याख्या:
बाह्य अंतरिक्ष संधि अक्टूबर 1967 में लागू की गई थी। बाह्य अंतरिक्ष का अन्वेषण और उपयोग सभी देशों के हितों में किया जाएगा। सभी देशों द्वारा अन्वेषण और उपयोग के लिए बाह्य अंतरिक्ष स्वतंत्र होगा। अंतरिक्ष और खगोलीय पिंडों को राष्ट्रों द्वारा स्वामित्व के दावे से बाहर रखा गया है।
कथन 1 सही है: बाह्य अंतरिक्ष संधि खगोलीय पिंडों या बाह्य अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों या सामूहिक विनाश के अन्य हथियारों के रखरखाव को प्रतिबंधित करती है।
कथन 2 गलत है: भारत इस संधि का एक हस्ताक्षरकर्ता है और उसने 1982 में इसकी पुष्टि की है।
कथन 3 गलत है: यह संधि एंटी-सैटेलाइट हथियारों (ASATs) पर लागू नहीं होती है, क्योंकि ये हथियार अंतरिक्ष के माध्यम से केवल यात्रा करते हैं और वहाँ इनका रखरखाव नहीं किया जाता है। इसके अतिरिक्त, ASAT न तो परमाणु हथियार हैं और न ही सामूहिक विनाश के अन्य हथियार हैं।